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GWALIOR.भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पदस्थ रहे छत्तीसगढ़ सरकार के पहले सलाहकार रहे रामलाल वर्मा का निधन हो गया। वे लगभग 84 वर्ष के थे। वे कुछ समय से बीमार थे और उपचार के दौरान कल दिल्ली में उनका निधन हो गया।
मध्यप्रदेश में अनेक जिलों में पदस्थ रहे
सेवानिवृति के बाद ग्वालियर में निवास करने वाले उत्तर प्रदेश के उन्नाव के के मूल निवासी रामलाल वर्मा किशोरवय में ही मध्यप्रदेश में आये और फिर यहाँ राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी बन गए। वे ग्वालियर में सीएसपी , एसपी ,एसपी ,डीआईजी और आईजी के रूप में पदस्थ रहे। यहाँ के अलावा मुरैना,शिवपुरी में भी विभिन्न पदों पर पदस्थ रहे। वे इंदौर के एसपी रहे। प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के साम्प्रदायिक दंगे के दौरान उन्होंने इसको नियंत्रण करने में बहुत ही उल्लेखनीय भूमिका का निर्वहन किया था।
मध्यप्रदेश के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट थे
स्व वर्मा मध्य प्रदेश के सबसे जांबाज पुलिस अधिकारी माने जाते थे उन्होंने प्रदेश में सबसे ज्यादा एनकाउंटर किये।दस्यु उन्मूलन में उन्होंने बहुत ही उल्लेखनीय कार्य किया इसके लिए उन्हें दो बार राष्ट्रपति का गैलेंट्री मेडल भी प्राप्त हुआ। उनके साथ पदस्थ रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी अखिलेंदु अरजरिया का कहना है कि मैं वर्मा जी के निधन की खबर से स्तब्ध हूँ। हम लोग दस दिन पहले एक कॉलेज में मुख्य अतिथि के तौर पर मोटिवेशनल कार्यक्रम में गए थे। कल मैंने उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं देने के लिए कॉल किया तो वह रिसीव नहीं हुआ। आज फील कॉल किया तो उनकी बेटी ने उठाया और बताया कि वह दिल्ली में है और उनका कल देर रात ही निधन हो गया है। अरजरिया ने कहा कि स्व वर्मा , साहसी , न्यायप्रिय और ईमानदार अफसर थे। वे अपनी बात नौकरी में रहते हुए भी बेबाकी से रखने के लिए जाने जाते थे।
छत्तीसगढ़ सरकार में सलाहकार रहे
स्व वर्मा छत्तीसगढ़ गठन के बाद वहां अजित जोगी के नेतृत्व में बनी पहली सरकार के सलाहकार नियुक्त हुए थे। जोगी जब इंदौर कलेक्टर थे तब वर्मा वहां पुलिस अधीक्षक थे इसलिए दोनों एक दूसरे को अच्छे से जानते थे। उनके साथ छत्तीसगढ़ में रहे कांग्रेस नेता और स्व जोगी के नजदीक रहे राजवीर सिंह राठौड़ ने बताया कि सन 2002 में जोगी ने उन्हें राज्य का सुरक्षा और खेल सलाहकार बनाया। उन्होंने खेल के क्षेत्र में काफी उल्लेखनीय काम किया। छत्तीसगढ़ के डीजीपी रहे राम निवास ने बताया कि जब मैं आईपीएस बना तो इंदौर में वे एसपी थे और मैं एडिशनल एसपी और फिर ग्वालियर में जब वे आईजी थे तब मुझे एसपी के रूप में साथ ही छत्तीसगढ़ में जब वे सलाहकार थे तब भी विभिन्न पदों पर कार्य करने का मौक़ा मिला। वे पुलिस के प्रति समर्पित ,योग्य , बहादुर और ईमानदार पुलिस अफसर थे। उन्होंने नव गठित छत्तीसगढ़ में खेलों के विस्तार के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की और आज भी इसके सुखद नतीजे आ रहे हैं। वे स्वयं बालीबॉल के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी थे।
बेटे के निधन के बाद से टूट गए थे
स्व वर्मा आठ दशक से भी ज्यादा उम्र में पूरी तरह से स्वस्थ्य थे और कार्यक्रमों में भाग लेते थे। जीवाजी क्लब के वे चेयरमेन रहे और इस क्लब के निष्पक्ष चुनाव कराने का जिम्मा सदैवीके पास ही रहा। उनके परिवार से जुड़े रामेन्द्र सिंह भदौरिया का कहना है कि चार वर्ष पहले उनके जवान इकलौते बेटे का असमायिक दुखद निधन हो गया था इसके बाद वे काफी टूट गए थे लेकिन उन्होंने इस बात का कभी जाहिर नहीं होने दिया। तीन दिन पहले उन्हें स्किन की कोई समस्या हुई जिसके इलाज के लिए वे ग्वालियर के एक नर्सिंग होम में भर्ती हुए लेकिन हालत बिगतड़ने लगी तो परिजन उन्हें लेकर दिल्ली गए लेकिन बीती देर रात उनका दुखद निधन हो गया।
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