Rajgarh. मध्य प्रदेश का राजगढ़ जिला यूं तो स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर शुरू से सुर्खियों में रहता आया है लेकिन राजगढ़ विधायक बापू सिंह तंवर ने 3 अगस्त को इसी सप्ताह लोगों की शिकायतों पर अस्पताल का निरीक्षण किया तो वहां कही अनियमितता मिली। शराब की बॉटल, ब्लड बैंक में दलाली की बाते सामने आईं। एक बेड पर दो-दो मरीजों को देखकर विधायक अपने आप को नहीं रोक पाए। वे निकले थे हाल जानने लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार ना देखते हुए अपने कार्यकर्ताओं के साथ अस्पताल परिसर में धरने पर बैठ गए। जैसे ही सूचना आला अधिकारियों को लगी तो एसडीएम तहसीलदार ओर जिला पंचायत सीईओ धरनास्थल पर पहुंचे।
जहां पूरे मामले को समझ कर साफ सफाई और अनियमितता में सीईओ ने गंभीरता से लेकर लापरवाह पर कार्यवाही कर उन्हे ब्लैक लिस्टेड करने के निर्देश दिए थे। वहीं सिविल सर्जन डा आर एस परिहार पर भी कार्रवाई की बात सामने आई थी लेकिन इस मामले को होल्ड कर दिया गया है। वहीं आरएमओ मुकेश तिवारी पर कार्रवाई हुई है। उनकी जगह ड्रा मनीष भीरथारे को आरएमओ बनाया गया है। बात अगर अव्यवथाओं की जाए तो जिम्मेदार अभी भी गंभीर नहीं है। कुछ मामले में तो हंगामे के बाद गति दिखी वहीं कुछ मामला अभी ठंडे बस्ते में है।
धरने के बाद कुछ ही मामलो में सख्त दिखा प्रशासन
बात अगर जिला चिकित्सालय की जाए तो जिला चिकित्सालय में दलालों का बोलबाला भी दिखाई देता है। देखा जाए तो निजी क्लीनिक पर ज्यादा फोकस है उनसे फीस वसूल कर घर से इलाज किया जाता है। डॉक्टर अस्पताल में अपनी सेवा देने के साथ अपने घर से भी लोगो को इलाज करते ही हैं लेकिन इसके बदले मरीजों से एक निश्चित फीस ली जाती है। वहीं ब्लड बैंक में दलाली करने वाले और खून बेचने लेने के मामले में भी शुक्रवार को कार्यवाही की गई हे।
सीएस को हटाने की मांग
इस मामले में द सूत्र ने पड़ताल की तो एडीएम कमल चंद्र नागर का कहना था कि इस मामले में जिला पंचायत सीईओ ही बता पाएंगी जबकि जिला पंचायत सीईओ प्रीति यादव ने आरएमओ पर ही कार्रवाई की बात कही। वहीं मामले में जब धरना प्रदर्शन करने वाले विधायक बापू सिंह तंवर से बात की तो उन्होंने अस्पताल की खामियां गिनाकर सरकार में जनता के पैसों का दुरपयोग होने का हवाला देकर सिविल सर्जन पर कार्रवाई के बारे में नहीं बता सके लेकिन उनका कहना था की उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों को भोपाल पहुंचकर पत्र के माध्यम से खुद के द्वारा मौके पर अवगत कराया गया है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही जिला कलेक्टर हर्ष दीक्षित खुद जिला चिकित्सालय पहुंचे थे जहां ब्लड बैंक सहित अन्य आवश्यक जानकारी ली गई थी और मरीजों से भी बात की गई थी, लेकिन उस समय किसी पर कोई कार्रवाई की बात सामने नहीं आई। राजनीतिक दखल के चलते वंचित रह जाते हैं मरीज। जिला अस्पताल में साफ सफाई सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए गए लेकिन इस बार जिला पंचायत सीईओ ने इन पर कार्रवाई करने के साथ ब्लैक लिस्टेड करने के निर्देश दिया है। सीएस (सिविल सर्जन) पर कार्रवाई को लेकर यह भी सामने आया कि अभी डॉ. परिहार को जिला स्तर से नही हटाया जा सकता इसके इसके लिए स्वास्थ विभाग के उप संचालक को लिखा पत्र लिखा जायेगा अभी सीएस पर कार्यवाही को लेकर कोई आदेश या पत्र सामने नहीं आया है। राजगढ़ ब्लड बैंक में कथित रूप से मनोहर दांगी और अमित द्वारा ब्लड को बेचा जा रहा है। उसी के संबंध में मांग की गई कि दोनों को हॉस्पिटल राजगढ़ से हटाया जाए और कार्रवाई की जाए। राजगढ़ में रक्तदाता समूह द्वारा राजगढ़ हॉस्पिटल में धरना प्रदर्शन किया गया राजगढ़ ब्लड बैंक में हो रही लूटामारी वहां दलाली ऐसे दलालों को हटाने के लिए हॉस्पिटल में धरना प्रदर्शन किया गया। धरना प्रदर्शन के बाद कलेक्टर महोदय सीएमएचओ सिविल सर्जन द्वारा तुरंत तत्काल मनोहर दांगी अमित सक्सेना दोनों की सेवा समाप्त कर दी गई। रक्तदान समिति के युवाओं ने ब्लड बैंक में हेराफेरी करने वाले मनोहर दांगी को हटवाने की मांग की गई। सिविल सर्जन डॉ आर एस परिहार ने मनोहर दांगी और अमित सक्सेना की सेवाएं समाप्त कर दी गई है।