GWALIOR. केंद्रीय गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के सबसे शक्तिशाली नेता अमित शाह कल ग्वालियर पहुँच रहे हैं और पूरी सरकार , प्रशासन और बीजेपी उनके आगमन की तैयारियों में दिन - रात एक किए हुए। इस पूरे आयोजन की कमान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने होने हाथ में ले रखी है और बीजेपी के सबसे बड़े क्षत्रप केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इस पूरे कार्यक्रम की तैयारियों से पूरी तरह दूर हैं। सीएम शिवराज सिंह से लेकर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा तक यहाँ आ चुके हैं लेकिन तोमर एक बार भी तैयारियां देखने नहीं आये। दरअसल सिंधिया इस आयोजन के जरिये बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को अपनी सियासी ताकत दिखाना चाहते है और यह संदेश देना चाहते हैं कि जैसे वे कांग्रेस में अंचल के एकछत्र नेता थे वैसी ही हैसियत बीजेपी में भी है।
सिंधिया ने झोंकी पूरी ताकत
ग्वालियर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा है और इसका शरीर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को जा रहा है और इस दौरे को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। यही कारण है कि सिंधिया ने अपने सभी समर्थक मंत्रियों और कार्यकर्ताओं को पूरी तरह सक्रिय कर रखा है और शाह के दौरे के दौरान आयोजित होने वाली आम सभा में एक लाख लोगों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य तय है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आगामी लोकसभा चुनाव के लिए ग्वालियर में अपनी जमीन तलाश रहे हैं यही कारण है के अमित शाह के दौरे के दौरान वह अपने शक्ति प्रदर्शन में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं । खास बात यह है किस दौरे के दौरान सिंधिया अमित शाह को अपनी महल में मेहमान नवाजी के लिए भी ले जा रहे हैं।
सिंधिया के बीजेपी में प्रवेश के बाद शाह का पहला दौरा
16 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ग्वालियर द्वारा है और अमित शाह सिंधिया के कांग्रेस में आने के बाद पहली बार ग्वालियर में पहली बार आ रहे हैं। इसी को लेकर तैयारियां जोरो - शोर पर पर चल रहीं हैं। स्वयं सिंधिया बीते तीन दिन से ग्वालियर में ही डेरा डाले हुए है उनके समर्थक मंत्री भी इस दौरे को लेकर लगातार अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं साथ ही हर समय मॉनिटरिंग कर हर बात की जानकारी ले रहे हैं।इससे पहले वे नितिन गडकरी को बुलाकर बड़ा कार्यक्रम कर चुके हैं। अब इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे सर्वमान्य नेता बताने की होड़ में लगे हुए हैं। यही कारण है कि बीजेपी में शामिल होने के बाद पहली बार देखने को मिल रहा है कि ग्वालियर अंचल में सिंधिया की सक्रियता बाकी नेताओं से सबसे ज्यादा है।
एक तीर से दो निशाने
अमित शाह के ग्वालियर दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एक तीर से दो निशाने साधने की तैयारी में जुटे हुए है। पहला यह है कि ग्वालियर मैं अमित शाह की बड़ी रैली कराके ग्वालियर चंबल संभाग के सबसे बड़े ताकतवर नेता के रूप में अपने आपको साबित करना चाहते हैं वही ग्वालियर में अमित शाह की बड़ी रैली के बहाने अपनी आगामी लोकसभा चुनाव की जमीन भी तैयार करना चाहते हैं। यही कारण है कि अमित शाह के दौरे को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थक मंत्रियों और कार्यकर्ताओं की फौज को एकजुट कर दिया है और वे दिन रात इस आयोजन की तैयारी में लगे हुए हैं । माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अमित शाह के सामने अपने आपको अंचल का सबसे पावरफुल नेता साबित करने की तैयारी में है।
चल रही है बर्चस्व की लड़ाई
इस समय ग्वालियर चंबल अंचल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बीच वर्चस्व की जंग सबके सामने आ चुकी है। अभी हाल में ही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने लोकसभा क्षेत्र के श्योपुर में बुलाया था। सिंह तोमर ने अपने संसदीय क्षेत्र श्योपुर जिले में स्थित कूनो अभ्यारण में चीतों को बसाने के कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाया था। और अब इस होड़ में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पीछे नहीं हटना चाहते हैं।यही कारण है पीएम के कार्यक्रम के बाद तत्काल सिंधिया ने अमित शाह का ग्वालियर में कार्यक्रम फाइनल करवा दिया था 16 अक्टूबर को केंद्रीय शाह ग्वालियर आएंगे और नवीन एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे।साथ एक बड़ी आम सभा को संबोधित करेंगे इसमें वीक लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ बुलाकर शाह को अपनी ताकत दिखाना चाहते है। । जाहिर है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर में आज भी वर्चस्व की जंग चल रही है और दोनों यह दिग्गज नेता अपने आपको अंचल का सबसे सर्व शक्तिशाली नेता साबित करने में लगे हुए हैं। सिंधिया के प्रवेश के पहले तोमर ही ग्वालियर - चम्बल अंचल में बीजेपी के सबसे बड़े क्षत्रप और नेता थे।
ग्वालियर से लड़ सकते है लोकसभा चुनाव
बीजेपी में चर्चा है कि जिस तरह से सिंधिया ग्वालियर में समय दे रहे हैं और अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं उससे लगता है कि सिंधिया ने यह तय कर लिया है। आगामी लोकसभा का चुनाव ग्वालियर से ही लड़ने वाले हैं और यही कारण है कि समय ज्योतिरादित्य सिंधिया की सक्रियता सबसे ज्यादा ग्वालियर में ही देखी जा रही है। वे ग्वालियर में सबसे ज्यादा दौरे करते हैं।
कांग्रेस बोली - बीजेपी दो गुटों में बंटी
इसको लेकर कांग्रेस की हमलावर है। कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि इस समय केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर में आपसी खींचतान की वजह से बीजेपी दो गुटों में बंट रही है और भले ही सिंधिया अपने आप को सबसे बड़ा नेता मानते हो लेकिन जब आगामी समय में लोकसभा के चुनाव आएंगे तो ग्वालियर की जनता उन्हें करारा जवाब देगी और तब न तो मोदी जी का जादू चलेगा और ना ही अमित शाह का।