GWALIOR.पूरे देश के साथ ही ग्वालियर में भी शरद पूर्णिमा का पर्व रविवार को पूर्ण श्रद्धा भाव के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं का भगवान के दर्शन के लिए तांता लगा हुआ है। शरद पूर्णिमा के दिन श्री हरि विष्णु व माता लक्ष्मी को खीर का भोग अर्पित किया जाता है। शाम को खीर बंटी है जो रात को चन्द्रमा के सामने रखी जाती है माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात चन्द्रमा किरणों के जरिये अमृत खीर में आता है जिसे परिजन प्रसाद के रूप में बांटकर खाते हैं। इससे लोग निरोगी भी बनते हैं।
मंदिरों में कल से बन रही है खीर
शरद पूर्णिमा की तैयारी एक दिन पहले से ही शुरू हो गयी थी क्योंकि बड़ी मात्रा खीर का वितरण किया जाता है। सबसे बड़े आयोजन सनातन धर्म मंदिर और अचलेश्वर महादेव मंदिर में किया जाता है। सनातन धर्म मंदिर में दो क्विंटल खीर का वितरण होगा। इसके अलावा राम मंदिर, विष्णु मंदिर, श्री गिरिराज जी मंदिर, जनकगंज स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। शरद पूर्णिमा को महिलायें विशेष रूप से व्रत रखती है। खोये से बने लड्डू का भोग श्री हरि को लगाती हैं।
सनातन धर्म मंदिर में दो क्विंटल केसर खीर का भोग लगेगा
श्री सनातन धर्म मंदिर में रविवार को शरद पूर्णिमा उत्सव हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से मनाया जा रहा है।मन्दिर के प्रबंधकों ने बताया इस अवसर पर भगवान श्री चक्रधर एवं श्री गिरिराज धरण का रासधारी श्वेत श्रृंगार किया जायेगा।संध्या आरती के पश्चात श्री राधा रानी संकीर्तन मंडल द्वारा ब्रज भाव से ओतप्रोत सुमधुर भजन संध्या की प्रस्तुति दी जायेगी एवं भगवान श्री चक्रधर को मेवा एवं केसर युक्त 2 क्विंटल खीर का भोग अर्पित कर भक्तों में वितरण किया जायेगा।
अचलेश्वर में दस क्विंटल खीर बांटी जायेगी
श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर में दस क्विंटल खीर का भोग भगवान विष्णु को भोग लगाया जाएगा और इसके साथ ही आमजन को इसका वितरण किया जाएगा। यहाँ भगवान् का प्रसाद लेने के लिए उमड़ने वाली भारी भीड़ को नियंत्री करने की दॄष्टि से दोनों मंदिरों पर व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त किये गए।