सचिन त्रिपाठी, Satna. सतना के शिवाकांत कुशवाहा ने सिविल जज की परीक्षा पास कर ली है। उन्होंने सिविल जज की परीक्षा में OBC वर्ग में दूसरी रैंक हासिल की है। वे अमरपाटन के रहने वाले हैं। उनके पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। शिवाकांत कुशवाहा ने सिविल जज की परीक्षा में 10 बार प्री दिया और 7 बार मेन्स, तब जाकर उन्हें ये सफलता मिली है। शिवाकांत बाबा साहब और गौतम बुद्ध से काफी प्रभावित हैं।
सब्जी बेचकर पढ़े शिवाकांत
शिवाकांत के पिता कुंजीलाल कुशवाहा मजदूरी करके पूरे परिवार का भरण पोषण करते हैं। मां कैंसर के कारण 2013 में दुनिया छोड़कर चली गई थीं। वे तीन भाई, एक बहन में शिवाकांत दूसरे नंबर के हैं। शिवाकांत ने द सूत्र से कहा कि बचपन से ही पढ़ाई में उन्हें गहरी रुचि थी। लेकिन घर के हालत दयनीय थी। जिसे देखते हुए उन्होंने सेल्फ स्टडी की। शिवाकांत ने कहा कि मजबूरी ऐसी भी थी कि पढ़ाई के साथ-साथ सब्जी तक बेचनी पड़ी। जिससे पढ़ाई का खर्च निकालता और कुछ खर्च घर में देता था।
अमरपाटन से की पढ़ाई
शिवाकांत ने कक्षा एक से बारहवीं तक की पढ़ाई अमरपाटन में ही पूरी की। उच्च शिक्षा का प्रारंभिक दौर भी यहीं पूरा किया। इसके बाद लॉ की पढ़ाई के लिए रीवा चले गए। यहां ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय से एलएलबी पूरी की। लॉ के पढ़ाई के बाद प्रैक्टिस शुरू कर दी। इसी दौरान सिविल जज की तैयारी भी।
पत्नी ने भी की शिवाकांत की मदद
शिवाकांत कुशवाहा की पत्नी मधु कुशवाहा एक निजी विद्यालय में बतौर शिक्षक काम कर रहीं हैं। वे बताती हैं कि शिवाकांत पढ़ाई में व्यवधान न आए तो खेत पर बने घर पर चले जाते थे। पहले तो मैं मदद नहीं करती थी लेकिन जब वे मेन् का पेपर देकर कॉपी लेकर आते थे उनकी राइटिंग इतनी अच्छी नहीं थी मैं कॉपी चेक करती थी और जहां गलती होती थी वहां गोला लगा देती थी।