मनोज भार्गव SHIVPURI.शिवपुरी के केनरा बैंक में एक उपभोक्ता अपनी फरियाद लेकर कई दिनों से चक्कर लगा रहा है लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही है युवक ने कुछ साल पहले केनरा बैंक से युवा उद्यमी योजना में साढ़े चार लाख रुपये का लोन लिया था। एक साल पहले उसने लोन की पूरी बकाया राशि ब्याज सहित बैंक में जमा कर दी। लेकिन बैंक प्रबंधन की गलती के चलते उसका लोन खाता बंद नहीं किया गया, महज पंद्रह रुपये शेष होने के चलते युवक पर बैंक ने लोन चार्ज व ब्याज के दस हजार रुपये बकाया निकाल दिये हैं। जिससे उपभोक्ता अब दर दर की ठोकर खाकर बैंक के चक्कर लगाने को मजबूर हो रहा है।
ये है मामला
शिवपुरी में आकाश जैन ने युवा उद्यमी के तौर पर अपना कारोबार करने के लिए बैंक से ₹4,50,000 लोन लिया था लेकिन 1 साल पहले जब मैं बैंक अपना लोन का खाता बंद करने पहुंचा तो उसमें बकाया राशि से कुछ पैसे ज्यादा जमा कर दिये। लेकिन बैंक में उसका लोन खाता बंद नहीं किया। जब वह कुछ दिन पहले अपने खाते आये रुपये निकालने बैंक गया तो उसे यह कहकर वापस कर दिया के आपका लोन खाता अभी भी बंद नही किया गया हैं। अभी आपके खाते में लोन की राशि शेष हैं।
बकाया पंद्रह रूपये जुर्माना दस हजार
बैंक में अभी पंद्रह रुपये कम होने के चलते उन पर बैंक का ब्याज और लोन का चार्ज करीब दस हजार रुपये है जो पहले उन्हें जमा करना होगा तभी मैं अपने पैसे बैंक से निकाल सकेंगे यह सुनते ही जैन के हाथ-पैर फूल गए और उन्होंने इसकी शिकायत बैंक मैनेजर की तो बैंक मैनेजर का कहना था कि पुराने मैनेजर ने उनका लोन खाता बंद नहीं किया है जिसके चलते यह गड़बड़ी हुई है।
मैनेजर बोले इस पर वरिष्ठ अफसर ही बोलेंगे
जब इस पूरे मामले को लेकर बैंक के मैनेजर गौरव गुप्ता से बात की गई तो उनका कहना है कि यह पूरा मामला उनके वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में है और वे इस मामले में कुछ नहीं कह पाएंगे।
बहरहाल इससे एक बात तो साफ हो गई है कि युवा उद्यमी के तौर पर भले ही बैंक युवकों को लोन मुहैया करा रही है लेकिन लोन पूरा पटाने के बाद भी बैंक प्रबंधन की हीला हवाली और लेट लाली के चलते युवाओं को बजाय लाभ कमाने की जगह उलटे अपनी जेब के पैसे गंवाना पद रहे हैं बल्कि बैंक के चक्कर भी लगाना पड़ रहे हैं।