Bhopal. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) आंगनवाड़ियों (Anganwadis) की स्थिति सुधारने और बच्चों के लिए खिलौने (toys) इकट्ठा करने के लिए ठेला लेकर निकले। सरकार की ये केवल सस्ती लोकप्रियता (cheap popularity) हासिल करने का ही कदम कहा जाएगा। क्योंकि द सूत्र जो खुलासा करने वाला है, वो बड़ा चौंकाने वाला है। सरकार ने विधानसभा (assembly) में लिखित जवाब दिया है कि सरकार ने आंगनवाड़ियों के लिए 2019 और 2020 में दो बार 94 करोड़ रुपए के खिलौने खरीदे थे। अब इस हिसाब से देखें तो सरकार ने हर महीने करीब 4 करोड़ रुपए के खिलौने बच्चों के लिए खरीदे। लेकिन यहां पर सवाल ये है कि बच्चों के लिए खिलौने खरीदे गए तो वो बच्चों तक पहुंचे क्यों नहीं। मुख्यमंत्री को खिलौने इकट्ठा करने की जरूरत क्यों पड़ी।
सीएम ने ठेला चलाया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 24 मई को आंगनवाड़ियों के लिए खिलौने इकट्ठा करने निकले। भव्य आयोजन हुआ। ठेला चलाते हुए मुख्यमंत्री आगे-आगे बढ़ रहे थे। लोग दिल खोलकर खिलौने समेत जरूरी सामान मुख्यमंत्री के ठेले को दे रहे थे। सरकार का दावा है कि आंगनवाड़ियों के लिए सरकार की ये पहल लोगों को जोड़ने की है। इसका जिक्र मुख्यमंत्री ने इस आयोजन के ऐलान के साथ ही किया था।
सरकार ने 94 करोड़ के खिलौने खरीदे थे
चलिए मान लिया जाए कि समाज की भी जिम्मेदारी है, लेकिन सवाल ये है कि सरकार ने पिछले दो सालों में आंगनवाड़ियों के लिए जो खिलौने और बाकी सामग्री खरीदी थी, उनका क्या हुआ। सरकार ने खुद विधानसभा में लिखित में जवाब दिया है कि आंगनबाड़ियों में लघु उद्योग निगम (Small Industries Corporation) के माध्यम से 2019 और 2020 में 94 करोड़ रुपए की सामग्री खरीदी गई थी। ये सवाल कांग्रेस के विधायक सतीश सिकरवार ने 2021 में हुए मानसून सत्र में पूछा था, जिसका जवाब खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखित में दिया। सिकरवार ने पूछा था कि क्या महिला बाल विकास (Women and Child Development) द्वारा लघु उद्योग निगम के माध्यम से प्री स्कूल प्लानिंग एंड लर्निंग आइटम और आदर्श आंगनवाड़ी में खिलौने खरीदने हेतु मार्च-अप्रैल 2019 में 47 करोड़ की सामग्री खरीदने के लिए टेंडर बुलाए गए थे। हां तो दिनांक समेत जानकारी दी जाए। साथ ही इसके दूसरे पार्ट में पूछा कि इसी टेंडर पर दो बार 94 करोड़ की खरीदी की जा चुकी है, तीसरी बार इसी टेंडर से मार्च 2021 में भी सामग्री खरीदी की जा रही है जबकि टेंडर की वैलिडिटी एक साल की थी। कौन दोषी है और क्या कार्रवाई होगी।
इस सवाल का लिखित जवाब मुख्यमंत्री ने दिया था
विभाग की अधिकृत क्रय एजेंसी मप्र लघु उद्योग निगम द्वारा प्री स्कूल प्लानिंग एंड लर्निंग आइटम हेतु विज्ञप्ति क्रमांक के ई 18078 ए दिनांक 7 मार्च 2019 में अनुमानित राशि 40 करोड़ रुपए एवं आदर्श आंगनवाड़ी में खिलौने खरीदने हेतु विज्ञप्ति क्रमांक के ई 18078 ए दिनांक 7 मार्च 2019 को अनुमानित राशि रुपए 20 करोड़ के टेंडर की विज्ञप्ति जारी की गई थी। सिकरवार का दूसरा सवाल था कि क्या इसी टेंडर पर 94 करोड़ की खरीदी की जा चुकी है तो सरकार की तरफ से लिखित में जवाब दिया कि हां खरीदी की गई है। लेकिन टेंडर की वैधता अवधि में ही सामग्री खरीदी गई है।
कुल मिलाकर साफ है कि सरकार ने 94 करोड़ की सामग्री खरीदी थी तो द सूत्र का सवाल है
- क्या ये सामग्री आंगनवाड़ियों तक नहीं पहुंची तो गई कहां ?
कुल मिलाकर विधानसभा में दिए गए जवाब से साबित होता है कि सरकार के पास पैसा है लेकिन इसके बाद भी ठेला लेकर निकलना क्या सही कदम है या सस्ती लोकप्रियता।