भोपाल. नए साल में जारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan ) की समीक्षा बैठकों में उनके सख्त तेवर देखने को मिल रहे हैं। मंगलवार को कई विभागों की मीटिंग ली। 5 दिन तक चलने वाली 50 से ज्यादा बैठकों के दूसरे दिन ही भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त अधिकारियों को मुख्यमंत्री की नाराजगी का शिकार होना पड़ा। अफसरों को ताकीद की कि ये सब बर्दाश्त नहीं होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को दूसरे दिन भी नौ विभागों की मैराथन बैठकें की।
काम सिर्फ खानापूर्ति के लिए हो रहा : शिवराज ने अफसरों पर सख्ती बरतते हुए गड़बडिय़ों पर तीखे तेवर रखे। शिवराज ने सहकारिता में कहा कि काम सिर्फ खानापूर्ति के लिए हो रहा है। दूसरे राज्यों से कुछ सीख ली हो तो बताओ। गबन की खबरें आती है, लेकिन आप लोग दीर्घकालीन योजना (long term plan) तक नहीं बनाते। बिजली पर कहा कि जब तक जनता संतुष्ट नहीं तो काम करने का मतलब ही क्या है। काम को टालने की प्रवृत्ति नहीं चलेगी।
सहकारिता विभाग : शिवराज ने सहकारिता विभाग (Department of Cooperation) की समीक्षा में कहा कि मुझे कोई बहाना नहीं सुनना है। सोसाइटियों (Societies) को ठीक करें, मुझे इसकी ठोस कार्ययोजना (Action Plan) चाहिए, उस पर अमल चाहिए और परिणाम चाहिए। शिवराज ने कहा कि गोदाम बन रहे हैं, उनकी गुणवत्ता का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसा नहीं कि कुछ भी बना दिया। काम गुणवत्तापूर्ण हो और उपयोग बेहतर हो। इसके अलावा विभाग में योग्य और ईमानदार लोगों की भर्तियाँ हों। सहकारी नीति के बनाने की प्रक्रिया तेज हो। सहकारी समिति बनाने के क्षेत्र में काम बहुत कम हुआ है। कई क्षेत्र हैं, जिसमें सहकारिता विभाग काम कर सकता है।
ऊर्जा विभाग : शिवराज ने शिकायतों के त्वरित समाधान न होने पर नाराजगी जाहिर की। शिवराज ने कहा कि निचले स्तर पर बहुत समस्याएं होती है। उनकी मैपिंग की जा। फीडर सेपरेशन में जो शिकायतें आ रही है, उसे दूर करें। जनता की समस्याएं यदि दूर नहीं होती, जनता हमारे काम से संतुष्ट नहीं तो फिर हमारे काम का क्या मतलब। शिवराज ने कहा कि जो लापरवाही से काम करे उस पर सख्त एक्शन लिया जाए। जनता की भावना के अनुरूप काम करें। जो शिकायतें आती हैं, उन्हें जल्द दूर करने की मानसिकता के साथ काम करें।
नवकरणीय मिशन मोड में काम किया जाए : ऊर्जा विभाग (energy department) की समीक्षा बैठक (review meeting) में शिवराज सिंह ने कहा कि जो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट हैं, उनकी टाइमलाइन बनाकर काम हो। ओंकारेश्वर पॉवर प्लांट को मिशन मोड (Mission Mode) में लेकर जून तक काम पूरा किया जाए। कुसुम योजना में कई दिक्कतें आ रही हैं। बैंकर्स के साथ बैठक कीजिए। सौर ऊर्जा पर ध्यान दीजिए।
कृषि विभाग : कृषि विभाग (agriculture department) की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता के पैसे का सदुपयोग जरूरी है। ऐसा नहीं कि सरकारी पैसा मानकर व्यर्थ खर्च कर दिया जाए। र्को भी प्रोजेक्ट बने तो उसे बनाते समय ही सभी व्यवस्थाएं जरूरी हैं। किसान संघों ने एफपीओ बनाए हैं, वो आत्मनिर्भर एमपी के रोडमैप के लक्ष्य में शामिल किए जाएँ। एफपीओ के लिए स्टेट का मॉडल तैयार करें। हम अपने एफपीओ के मॉडल पर चलें।