BHOPAL : RTI में जो जानकारी 30 दिन में मिलनी चाहिए थी वो 3 साल में भी नहीं मिली, लापरवाह अफसर को थमाया 25 हजार का कारण बताओ नोटिस

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The Sootr CG
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BHOPAL : RTI में जो जानकारी 30 दिन में मिलनी चाहिए थी वो 3 साल में भी नहीं मिली, लापरवाह अफसर को थमाया 25 हजार का कारण बताओ नोटिस

BHOPAL. राज्य सूचना आयोग ने RTI एक्ट के तहत जानकारी नहीं देने पर सीएम हाउस के अफसर को 25 हजार का कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जनसंपर्क के तत्कालीन अपर संचालक मंगला मिश्रा के रीवा में पदस्थापना के दौरान 5 महीने का टीए, डीए और ऑफिस के दौरे की जानकारी के साथ शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र की जानकारी RTI एक्ट के तहत नहीं देने पर रीवा में पदस्थ रहे लक्ष्मण सिंह को ये नोटिस थमाया गया है। वे वर्तमान में सीएम हाउस में जनसंपर्क अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं।



जानबूझकर छुपाई गई जानकारी-RTI आवेदक



RTI आवेदक चेतन सेठी का आरोप है कि ये जानकारी जानबूझकर छुपाई गई है क्योंकि जब मंगला मिश्रा की नियुक्ति रीवा में थी लेकिन वे अधिकांश समय भोपाल में अनाधिकृत रूप से रहते थे। वहीं आवेदक ने ये भी कहा कि मिश्रा की फर्जी शैक्षणिक योग्यता के प्रमाण पत्र को लेकर जनसंपर्क विभाग में उनकी नियुक्ति और प्रमोशन विवादों में रहा है। आरटीआई आवेदन दायर होने के समय लक्ष्मण सिंह की नियुक्ति रीवा के जनसंपर्क विभाग में थी। सूचना आयोग ने इस प्रकरण में पाया कि लक्ष्मण सिंह ने आरटीआई आवेदक को कोई भी जानकारी 30 दिन में न देकर अधिनियम की धारा 7(1) का उल्लंघन किया है।



मामले में पहली अपील बिना सुनवाई के खारिज की



इस मामले में जब पहली अपील दायर की गई तो जनसंपर्क विभाग के अधिकारी ने बिना किसी सुनवाई के पहली अपील ये कहते हुए खारिज कर दी यह कहते हुए कि जानकारी भोपाल से संबंधित है और सीधे आवेदक भोपाल से प्राप्त करें। आयोग ने इस पर आपत्ति जताते हुए प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश को तत्काल प्रभाव से खारिज कर दिया क्योंकि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत अगर जानकारी उसी विभाग के किसी कार्यलय में है तो विभाग के अधिकारी को आरटीआई आवेदन को अधिनियम की धारा 5(4) के तहत संबंधित अधिकारी को जानकारी उपलब्ध करने के लिए लिखना चाहिए था और अगर जानकारी किसी अन्य विभाग से संबंधित है तो धारा 6(3) के तहत अधिकारी को आवेदन को 5 दिन के अंदर संबंधित विभाग में अंतरित करना चाहिए था। लेकिन लक्ष्मण सिंह ने इस तरह की कोई भी कार्रवाई नहीं की और ना ही आवेदक को कोई सूचना दी।



जो जानकारी 30 दिन में मिलना थी वो 3 साल में भी नहीं मिली



अफसर लक्ष्मण सिंह की इस लापरवाही के चलते जो जानकारी RTI आवेदक को 30 दिन में 2019 में मिलनी चाहिए थी उसको मिलने में 3 साल लग रहे हैं और वो भी जब मंगला मिश्रा पद से रिटायर हो गए। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने जुर्माने के नोटिस पर लक्ष्मण सिंह को अपना पक्ष रखने के लिए अगली सुनवाई की तारीख 15 जुलाई तय की है।


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