Bhopal: मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप केस(Popular Honey Trap Case) की सीडी घिस गई है। ये लैपटॉप में नहीं चली। शुक्रवार को मामले की भोपाल कोर्ट(Bhopal Court) में सुनवाई हुई। यहां जज के सामने अभियोजन पक्ष (सरकारी वकील) ने अभियोजक पक्ष (आरोपियों के वकील) के सामने लैपटॉप में सीडी लगाई, जो नहीं चली। सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि सीडी पर कई स्क्रैच (scratch) आ गए हैं, इसलिए लैपटॉप(laptop) उसे रीड नहीं कर पा रहा।
वकील ने कोर्ट को बताया कि मामले में संकलित साक्ष्य की सॉफ्ट कॉपी राज्य साइबर सेल(State Cyber Cell) में है। इसे पेन ड्राइव (pen drive) में कॉपी कर कोर्ट के सामने लाने की अनुमति दी जाए। इस पर कोर्ट ने पेन ड्राइव में साक्ष्य(evidence) लाने की अनुमति दे दी। इसके बाद सीडी(CD) जज के सामने लिफाफे में बंद कर दी गई।
हनी ट्रैप मामले में आरोपी श्वेता विजय जैन, आरती दयाल, अभिषेक के वकील ने जांच एजेंसी की तरफ से साक्ष्य के तौर पर पेश की गई (सीडीआर) की सीडी का क्रॉस एक्जामिनेशन(examination) शुरू किया। इस दौरान सीडी नहीं चल सकी। श्वेता विजय जैन(Shweta Vijay Jain), आरती दयाल(Aarti Dayal), अभिषेक भी कोर्ट में मौजूद रहे। अभिषेक की तरफ से वकील शारिक चौधरी, जबकि आरती दयाल और श्वेता विजय जैन की तरफ से वकील सिराज अनवर की तरफ से पैरवी की गई। जज स्मिता सिंह ठाकुर की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई।
काला चश्मा पहने पहुंची हनी गर्ल श्वेता विजय जैन
श्वेता विजय जैन इसी महीने जेल से रिहा हुई है। शुक्रवार को वह लग्जरी कार से कोर्ट पहुंची। काला चश्मा लगाए कोर्ट में दाखिल होते समय श्वेता के चेहरे पर शिकन तक नहीं थी। कोर्ट में उसे आरती दयाल भी मिली। दोनों एक-दूसरे से काफी देर तक बात करती रहीं। उनके वकील भी दोनों से मिले। दोनों केस को लेकर काफी देर तक वकीलों को पक्ष बताती रहीं।
सीडी में कैसे आए स्क्रैच?
सीडी (कॉम्पैक्ट डिस्क) प्लास्टिक के कवर में पैक कर लिफाफे में सेफ रखी गई थी। बड़ा सवाल यह है कि ऐसे में सीडी में स्क्रैच कैसे आ गया? कम्प्यूटर हार्डवेयर एक्सपर्ट दिलीप सिंह ने बताया कि सीडी का निर्माण पॉलीकार्बोनेट प्लास्टिक से होता है। अमूमन दो कारणों से ही स्क्रैच आते हैं। पहला-सीडी प्लेयर के पॉकेट में डस्ट होना। इस हालात में जब भी सीडी को प्ले करने के लिए लगाया जाता है, तो लेंस रीड नहीं कर पाता। डस्ट की वजह से सीडी में स्क्रैच आ जाते हैं। हालांकि, इसमें सीडी अटक-अटक कर जरूर चलेगी। दूसरा- काफी समय तक सीडी को कवर में रखने पर उसका पॉलीकार्बोनेट कवर में चिपक जाता है। इससे भी सीडी रन नहीं होती।
यह है मामला
2019 में हनी ट्रैप मामला उजागर होने के बाद राजगढ़ की छात्रा मोनिका यादव के पिता हीरालाल की शिकायत CID भोपाल ने श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, आरती दयाल, अभिषेक पर धारा-370, 370 ए और 120 बी के तहत केस दर्ज किया था। इन पर मोनिका की तस्करी कर उसका शोषण कराने का आरोप था।
CID ने चालान डायरी में आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य के तौर उनकी कॉल डिटेल रिकार्ड की सीडी का उल्लेख किया था। जिसे कोर्ट के समक्ष शुक्रवार को क्रास एग्जामिनेशन के लिए चलाने का प्रयास किया गया, लेकिन सीडी घिस जाने की वजह से नहीं चल सकी। सूत्रों की मानें तो सीडी में कई नौकरशाहों, राजनेताओं के सबूत हैं।