Neemuch. जिला पंचायत, नगर पालिका और नगर परिषद में अध्यक्ष पर जीत को लेकर सभी पार्टियां रणनीति बनाने में जुट गईं हैं। जिले भर में भाजपा के बहुमत वाले जिला पंचायत जनपद व नगर पालिका व नगर परिषदों में पार्षद के होने के बावजूद भी जिला पंचायत जनपद पंचायत तथा नगर परिषद चुनाव के बाद अब इनके सदस्यों की बाड़ाबंदी की जा रही है। जानकारी के अनुसार सभी तरह के सदस्य को अलग-अलग स्थान पर भेजा गया है जिसमें जिला पंचायत सदस्य को जहां दक्षिण भारत की सैर कराई जा रही है नहीं जनपद सदस्य को तिरुपति के दर्शन कराया जा रहे हैं तो वहीं नगर परिषद में विजयी युवाओं को पचमढ़ी जैसे हिल स्टेशनों पर मौज आनंद कराए जा रहे हैं। बताया जाता है कि सबके लिए लग्जरी बस सेवर गाड़ियों की व्यवस्था है तथा रुकने के लिए भी शानदार होटलों का अरेंजमेंट है, जिला पंचायत व जनपद पंचायत के सदस्य तो विगत लंबे समय से चुनाव के बाद से ही इन यात्राओं का लुफ्त उठा रहे हैं। वहीं हाल में नगर परिषद के चुनाव के बाद पार्षद भी इन यात्राओं का लुफ्त उठाने में पीछे नहीं है हां इतना जरूर है कि जिनके घर में समस्या है जिनके घर परिवार में पीछे काम करने वाले नहीं हैं वह लोग जरूर यहीं पर दिखाई दे रहे हैं। नीमच नगर पालिका में भी भाजपा समर्थित पार्षदों की संख्या ज्यादा है उसके बावजूद भी उन्हें डर के कारण यहां से बाहर भेजा गया और बाड़ बंदी की गई।
सत्ता आपकी, शासन-प्रशासन आपका फिर यह डर कैसा?
नीमच जिले में जहां जिले के तीनों विधायक भाजपा के हैं। हवा प्रदेश में भाजपा की सरकार है मुख्यमंत्री भाजपा का है शासन प्रशासन पर भाजपाइयों की तूती बोलती है। तो अब सवाल यह उठता है कि जीते हुए पार्षद जो कि चुनाव चिन्ह पर लड़े हैं उन पर ही पार्टी संगठन व सत्ता को भरोसा नहीं है तो फिर किस पर भरोसा रहेगा। जावद विधानसभा क्षेत्र में दो जिला पंचायत सदस्य भाजपा समर्थित हैं। जनपद पंचायत में 25 में से 20 सदस्य भाजपा समर्थित है। इसी प्रकार जावद विधानसभा क्षेत्र के सात नगर परिषदों में कुल 105 पार्षद है जिसमें से भाजपा समर्थित लगभग 50 से अधिक पार्षद घूमने फिरने के लिए गए हुए हैं।