उल्लेखनीय सुधार: इंदौर में 1708 अतिकुपोषित बच्चों की संख्या घटकर रह गयी 63

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उल्लेखनीय सुधार: इंदौर में 1708 अतिकुपोषित बच्चों की संख्या घटकर रह गयी 63

इंदौर. किसी भी देश या प्रदेश की उन्नति वहां के बच्चों पर निर्भर करती है। इसी तरह हर मां-बाप की खुशी उसके स्वस्थ बच्चे में बसती है। लेकिन देश और प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या यदि निरंतर कोई जारी है, तो वह है कुपोषण (Malnutrition)। इंदौर (Indore) भी इससे अछूता नहीं रहा है। इसीलिए मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के अपर मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास अशोक शाह (Additional Chief Secretary, Women and Child Development Ashok Shah) के निर्देशन पर राज्यभर में ‘पोषण अभियान’ (Nutrition Campaign) चलाया जा रहा है। अब इस अभियान के बेहतर परिणाम आने लगे हैं। इस अभियान को इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने योजनाबद्ध तरीके से किया है, जिसकी वजह से बहुत ही चौंकाने वाले परिणाम आने लगे हैं। यह अभियान तीन महीने से चलाया जा रहा है। विभिन्न विभागों के समन्वित प्रयासों से जिले में अति कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में उल्लेखनीय सुधार आया है।

इंदौर जिले में अभियान की सकारात्मकता

इंदौर जिले में अभियान के सकारात्मक परिणाम स्वरूप ‘अति कुपोषित’ बच्चों की संख्या 1708 से घटकर मात्र 63 रह गयी है। बच्चों के पोषण स्तर में हुए सुधार से बच्चों के परिवारों में खुशी की लहर दिखाई देने लगी है। अब प्रशासन का पूरा ध्यान शेष बच्चों के पोषण स्तर में सुधार पर केंद्रित है।

न्यूट्रिशियन किट बनी मददगार

कलेक्टर मनीष सिंह ने महिला एवं बाल विकास विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर पोषण स्तर में सुधार लाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम के तहत अभियान चलाने के लिए दिशा निर्देश दिए थे। निर्देशों के परिपालन में समन्वित प्रयास किए गए। कलेक्टर द्वारा विशेष और अभिनव पहल करते हुए अतिकुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिये ‘न्यूट्रिशियन किट’ (Nutritionist) प्रत्येक बच्चे को उपलब्ध कराई गई थी। इस किट के माध्यम से बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए बेहद मदद मिली। महिला एवं बाल विकास विभाग के सहायक संचालक रामनिवास बुधोलिया ने बताया कि इस किट में पिंडखजुर, राजगिरे के लड्डू, सत्तु, गुड़, मुमफली फली की चिक्की, भूना हुआ चना, खोपरे का गोला आदि थे।

एक 1233 अतिकुपोषित बच्चे हुये कुपोषण मुक्त

अभियान के प्रयासों के परिणाम स्वरूप इन्दौर जिले में 72.2 प्रतिशत अतिकुपोषित बच्चे व 77.9 प्रतिशत मध्यम कुपोषित बच्चे सामान्य पोषण श्रेणी में आ चुके है। इन्दौर जिले में अति कुपोषित बच्चो (SAM) की संख्या 1708 से वर्तमान में सिर्फ 63 रह गई है। वहीं 9027 मध्यम कुपोषित बच्चो (MAM) में से 7036 बच्चे सामान्य पोषण श्रेणी में आ चुके है।

महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से पूरे इंदौर जिले में 38 स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया था। सभी अति कुपोषित बच्चों सहित 2586 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। सभी अति कुपोषित बच्चों को कलेक्टर के निर्देश पर रेडक्रॉस द्वारा न्यूट्रीशन किट, आयुष विभाग द्वारा महामाष तेल व पुष्टिवर्धक चूर्ण एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा बीज किट दी गयी। आंगनवाडी कार्यकर्ता द्वारा सभी कुपोषित बच्चों के घर-घर जाकर प्रत्येक दिन तीन सुपरवाईज्ड फिडिंग की गयी। बच्चो के माता-पिता को पोषण एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी, सहायक संचालक, परियोजना अधिकारी व पर्यवेक्षक द्वारा सतत् मॉनिटरिंग व गृहभेंट द्वारा कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु सतत् प्रयास किए गए।

Madhya Pradesh Indore collector Manish Singh Malnutrition Campaign Additional Chief Secretary Women and Child Development Ashok Shah Nutrition Campaign Nutritionist