BHOPAL: MP में भारी बारिश से हालात बेकाबू, नर्मदा, चंबल, बेतवा, शिप्रा उफान पर, भोपाल में स्कूलों की छुट्टी, तीनों डैम के गेट खुले

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Vivek Sharma
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BHOPAL: MP में भारी बारिश से हालात बेकाबू, नर्मदा, चंबल, बेतवा, शिप्रा उफान पर, भोपाल में स्कूलों की छुट्टी, तीनों डैम के गेट खुले

Bhopal. मध्यप्रदेश में भारी बारिश(heavy rain) से हालात बिगड़ रहे हैं। प्रदेश के अधिकांश इलाकों मूसलाधार बारिश हो रही है। चारों ओर अब पानी से हाहाकार मचा हुआ है। बारिश अब कहर बनकर टूट रही है। ज्यादातर शहरों में तेज बारिश हो रही है। इसके कारण राज्य की अधिकांश नदी नाले उफान पर हैं। नर्मदा, चंबल, बेतवा, ताप्ती, शिप्रा(Narmada, Chambal, Betwa, Tapti, Shipra) उफान पर हैं। छोटी नदियां और नाले भी उफनाए हुए हैं। कई बांधों के गेट खोलने पड़ गए हैं। भोपाल में दो दिन से हो रही बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। लगातार बारिश के कारण भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया(Collector Avinash Lavania) ने सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की छुट्‌टी कर दी है। भोपाल के तीनों बांध कलियासोत, भदभदा और कोलार(Kaliasot, Bhadbhada and Kolar) के गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। मंदसौर में शिवना उफनाने से पशुपतिनाथ मंदिर में पानी आ गया है। 



नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर



नर्मदापुरम में भी सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों की छुट्‌टी कर दी गई है। यहां नर्मदा खतरे के निशान के करीब 967 फीट पर बह रही है। निचली बस्तियों में पानी आने लगा है। तवा डैम के गेट खोलकर भी पानी छोड़ा जा रहा है। नर्मदापुरम शहर का हरदा और बैतूल से संपर्क टूट गया है। औबेदुल्लागंज-बैतूल नेशनल हाईवे पर सुखतवा नदी के पुल पर पानी है, जिससे करीब 11 घंटे से NH-69 बंद है। नर्मदापुरम- हरदा स्टेट हाईवे पर हथेड़ नदी पर बाढ़ का पानी आने से मार्ग बंद हो गया। बाढ़ के खतरे को देखते हुए अफसरों ने संजय नगर, आदमगढ़, महिमानगर, बंगाली कॉलोनी, खोजनपुर के रहवासियों को राहत शिविर में पहुंचने की मुनादी कराई है। राजगढ़ में भी स्कूलों की छुट्‌टी कर दी गई है।



भोपाल में स्कूल बंद 



भोपाल में लगातार दो दिन से तेज बारिश हो रही है। सोमवार रातभर से अभी तक बारिश का दौर जारी है। भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने अत्यधिक बारिश को देखते हुए सभी शासकीय और अशासकीय स्कूलों में आज मंगलवार 16 अगस्त का अवकाश घोषित किया है। राजधानी में 1 जून से अब तक सामान्य से 75% ज्यादा पानी गिर चुका है। सामान्य तौर पर अब तक 24 इंच बरसात होना चाहिए थी, लेकिन पानी 20 इंच ज्यादा गिर चुका है। 



बरगी डैम के गेट भी खुले



जबलपुर से लेकर पचमढ़ी, रायसेन, बैतूल और ग्वालियर तक जोरदार बारिश से हालात खराब हैं। जबलपुर में भी नर्मदा पर बने बरगी बांध के गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। सोमवार को रायसेन में जोरदार बारिश के कारण बेगमगंज में बीना नदी के पास पुल धंस गया। इससे तीन दर्जन से ज्यादा गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। सीहोर के शाहगंज के जंगल में अमरगढ़ जलप्रपात पर पिकनिक मनाने आए भोपाल के 8 युवक वॉटरफॉल में फंस गए हैं। रात को युवकों ने डायल-100 पर सूचना दी। शाहगंज थाना पुलिस युवकों के रेस्क्यू में जुटी है।



कहां-कितनी बारिश



सोमवार को सबसे ज्यादा बारिश भोपाल शहर और पचमढ़ी में ढाई-ढाई इंच हुई। मंडला, गुना, जबलपुर, भोपाल में 2-2 इंच पानी गिरा। दमोह, बैतूल, नर्मदापुरम, रायसेन और ग्वालियर में 1-1 इंच बारिश हुई। नौगांव, खरगोन, उमरिया, सिवनी, शिवपुरी, मलाजखंड और सागर में आधा-आधा इंच पानी गिरा। सतना, खजुराहो, रीवा, सीधी, धार, खंडवा, इंदौर और उज्जैन में कहीं-कहीं बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार से बारिश में कुछ राहत मिल सकती है। हालांकि रिमझिम और कहीं-कहीं तेज बारिश हो सकती है।



यह सिस्टम बन रहा



वर्तमान में पूर्वी मध्यप्रदेश के ऊपर अति लो प्रेशर जबलपुर से 120 किमी पूर्व में सक्रिय है। जिसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर गतिमान रहने के साथ कमजोर होने की संभावना बनी हुई है। वहीं, पूर्वोत्तर अरब सागर और समीपवर्ती दक्षिणी पाकिस्तान में लो प्रेशर क्षेत्र अभी भी सक्रिय है। मानसून ट्रफ जैसलमेर-गुना से लेकर सागर से होते हुए बालासोर तथा पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तक फैला है। साथ ही उत्तर-दक्षिण ट्रफ लाइन कर्नाटक से कोमरीन सागर तक गुजर रही है। दक्षिणी गुजरात से महाराष्ट्र तट तक अपतटीय ट्रफ सक्रिय है। वहीं अफगानिस्तान के आसपास मध्य क्षोभमंडल की पछुवा पवनों के बीच एक ट्रफ के रूप में पश्चिमी विक्षोभ (पाकिस्तान से आने वाली हवाएं) भी अवस्थित है।


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