Khandwa. नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के समर्थन में टिप्पणी करने वाले कन्हैया की हत्या(murder of kanhaiya) के बाद आज भी सर तन से जुदा के नारे थमने का नाम नहीं ले रहे है । खंडवा में देर रात निकले मोहर्रम(moharram ) के जुलूस के दौरान जब ताजियों को विसर्जन करने के लिए के ले जाया जा रहा था। तब यह नारे लगाए थे। भीड़ में बुजुर्ग और युवा भी थे, तभी जलेबी चौक के पास जुलूस में मौजूद भीड़ ने सर तन से जुदा- सर तन(Sir Tan Se Juda) से जुदा के नारे लगाए । पुलिस इस वायरल वीडियो की जांच कर रही है और पहचान के बाद मामला दर्ज करने की बात कह रही है। फिलहाल 25 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
महादेवगढ़ मंदिर के पास नारेबाजी
जलेबी चौक के पास जुलूस में मौजूद भीड़ ने कथित तौर पर 'सर तन से जुदा-सर तन से जुदा' के नारे लगाए, जिस समय यह नारे लगाए जा रहे थे, तब कई पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि जैसे ही जुलूस यहां पहुंचा तो इसमें शामिल लोग विवादित नारे लगाने लगे। इसी जगह हिंदू संगठन के नेताओं द्वारा स्थापित महादेवगढ़ मंदिर है। विश्व हिंदू परिषद और महादेवगढ़ मंदिर प्रशासन ने VIDEO पर आपत्ति जताते हुए शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज किया है।
पुलिस बोली- लोगों की जा रही है पहचान
वायरल वीडियो को लेकर खंडवा नगर पुलिस अधीक्षक पूनम चंद यादव ने बताया कि एक वायरल वीडियो प्राप्त हुआ है, जिसकी हम जांच कर रहे हैं। वीडियो के आधार पर लोगों की पहचान की जा रही है। साथ ही 25 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। बीजेपी की पूर्व नेता नूपुर शर्मा के विवादित टिप्पणी के समर्थन करने पर राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल नाम के शख्स की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी. उस समय जो वीडियो वायरल हुआ था, उसमें भी इसी तरह की नारेबाजी करते हत्यारे नजर आए थे।
पहले भी थाने के अंदर लग चुके नारे
महादेवगढ़ मंदिर के संरक्षक अशोक पालीवाल ने बताया कि पहले थाने के अंदर 'सिर तन से जुदा...' के नारे लगाए जा चुके हैं। केस दर्ज हुआ था, लेकिन कठोर कार्रवाई नहीं हुई। यही कारण है कि जुलूस के अंदर फिर से यही नारे लगे। नारे लगाने वालों के साथ जो जुलूस निकालता है, उसके लीडर के खिलाफ भी केस दर्ज होना चाहिए। CSP पूनमचंद यादव ने बताया, आपत्तिजनक नारेबाजी करने वालों की पहचान की जा रही है। बता दें, एक माह पहले जलेबी चौक के पास जब दुकानों में आगजनी की घटना हुई थी, तब भी एक नेता और उसके साथियों ने कोतवाली थाने के अंदर ही यही नारे लगाए थे। हालांकि, उन पर उसी समय धारा 188 के तहत कार्रवाई की गई थी।