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रंकेश वैष्णव, Barwani. नागपुर की ज्योति आमगे का नाम गिनीज बुक में दुनिया की सबसे छोटी लड़की के रिकॉर्ड के रूप में दर्ज है। उसकी ऊंचाई मात्र दो फीट है। लेकिन इससे भी छोटे कद की लड़की बड़वानी में है, जिसकी उम्र 17 साल हो चुकी है और अभी इसका कद महज डेढ़ फीट ही है। लड़की का नाम सोनाली कांतिलाल (Sonali Kantilal) है। सोनाली 20 मई को जिला अस्पताल में लगे स्वास्थ्य मेले में दिव्यांग सर्टीफिकेट बनाने के लिए परिजन के साथ पहुंची थी। सोनाली न ठीक से खड़ी रह पाती है और न बोल पाती है।
उम्र 17 साल, हाइट मात्र डेढ़ फीट'
ये हैं #MP के बड़वानी जिले की सोनाली कांतिलाल। जिला प्रशासन इनका नाम दुनिया की सबसे कम हाइट की लड़की के रूप में गिनीज बुक में दर्ज करवाने का प्रयास कर रहा है। @CollectrBarwani@mp_wcdmp@MoHFW_INDIA@CMMadhyaPradesh@JansamparkMPpic.twitter.com/aFJkADQZg8
— TheSootr (@TheSootr) May 21, 2022
सोनाली का दिव्यांग सर्टीफिकेट बनाया गया
जानकारी के अनुसार तहसील पानसेमल निवासी सोनाली अपने पिता कांतिलाल के साथ स्वास्थ्य शिविर में दिव्यांग सर्टीफिकेट (Divyang Certificate) बनवाने के लिए पहुंची। पहले तो यहां पर आए लोग समझ रहे थे कि ये एक से डेढ़ साल की बच्ची है। जब मनोचिकित्सक ने उम्र पूछी तो पता चला की ये लड़की 17 साल की हो चुकी है। लेकिन अब भी उसका कद महज डेढ़ फीट है। डॉक्टर ने चेकअप करने के बाद उसका दिव्यांग सर्टीफिकेट बनाया गया। इसे अब पेंशन के रूप में प्रतिमाह एक हजार रुपए दिए जाएंगे। परिजन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of World Records) में नाम दर्ज कराना चाहते हैं। लेकिन अब तक नहीं हो पाया। विधिक सेवा प्राधिकरण के एडीजे अमित सिंह सिसोदिया (ADJ Amitsinh Sisodia), काउंसलर अनिता चोयल के सहयोग से लड़की का दिव्यांग सर्टीफिकेट बनवाया गया। एडीजे ने ही अपने हाथ से लड़की को सर्टीफिकेट दिया।
सोनाली घर में सबसे बड़ी, तीन भाई हैं छोटे
लड़की के पिता कांतिलाल ने बताया उनके चार बच्चे है। एक बेटी और तीन बेटे हैं। सोनाली सबसे बड़ी बेटी है। इसके बाद चार बेटे हुए जो सामान्य लोगों की तरह हैं। इनकी कद-काठी समय से साथ बढ़ रही है। लेकिन बेटी की उम्र के अनुसार उसकी हाइट नहीं बढ़ी।
अब भी बच्चों की तरह संभालना पड़ता है
लड़की की मां ने बताया कि 2005 में उसका जन्म हुआ था। तब से लेकर अब तक छोटे बच्चे की तरह उसे पाल रहे हैं। वह अभी चल नहीं पाती, बोल भी नहीं पाती। दूध- बिस्किट खिलाते हैं। कभी-कभी रोटी भी खा लेती है। 17 साल की होने के बाद भी छोटे बच्चों की तरह ही हरकतें हैं।
एक्सपर्ट व्यू-
ये एक अनुवांसिक बीमारी है। गर्भावस्था के दौरान यदि मां को आयोडीन की कमी होती है तो भी ये स्थिति बन जाती है। मां ने सही पोषण आहार नहीं लिया तो भी ये स्थिति बनती है। विटामिन डी की कमी से भी ये समस्या आती है। बच्ची का शारीरिक व मानसिक दोनों रूप में विकास नहीं हुआ है। यदि माता-पिता उसका इलाज एक से दो साल के बीच में करवालेते थे तो लड़की के कद में परिवर्तन आ सकता था। लेकिन अब बहुत कम संभावना है कि उसका कद बढ़ेगा। -राहुल पाटीदार मनोरोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल बड़वानी