भोपाल. गणतंत्र में जनता ही सरकारों को चुनती है। इस वक्त सरकार बनाने के लिए पांच राज्यों में सियासी मशक्कत चल रही है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि इन पांच राज्यों के चुनावी परिदृश्य से प्रशांत किशोर का चेहरा गायब है। प्रशांत किशोर चुनावी रणनीतिकार का है। पिछले साल बंगाल चुनाव में ममता दीदी का कैंपेन प्रशांत किशोर की टीम ने संभाला था। लिहाजा ममता की बंगाल में प्रचंड जीत हुई। बिहार से ताल्लुक रखने वाले प्रशांत किशोर अब तक नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह, आंध्र प्रदेश में जगन रेड्डी और तमिलनाड़ु में डीएमके नेता एमके स्टालिन की कैंपेन संभाल चुके हैं। लेकिन इसबार मध्यप्रदेश को लेकर पीके का क्या प्लान है। इस स्टोरी से समझते हैं। वहीं, हमारी दूसरी स्टोरी में देखिए कैसे मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों (MP Govt Schools) में हाल ही में नियुक्त किए गए करीब 12 हजार 269 शिक्षकों की नौकरी खतरे (Teachers Job in Danger) में पड़ सकती है। इसकी वजह शिक्षक भर्ती 2018 के रिजल्ट की वैधता (Validity of Result) की अवधि बढ़ाने के लिए समय पर संशोधन जारी नहीं करना है।
Sootrdhar MP में PK की एंट्री क्या तैयारियां कर रहे हैं प्रशांत किशोर
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