ऐसे अधिकारी कैसे जिले संभालेंगे जो बच्चों की बात ही नहीं सुनते, शिवराज मामा को ये फैसला तो बहुत पहले ही कर देना था; देरी कर दी

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The Sootr CG
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ऐसे अधिकारी कैसे जिले संभालेंगे जो बच्चों की बात ही नहीं सुनते, शिवराज मामा को ये फैसला तो बहुत पहले ही कर देना था; देरी कर दी

योगेश राठौर, INDORE. अगर आपसे जिला नहीं संभलता तो मुझे कलेक्टर बना दो सबकी समस्या दूर कर दूंगी। 9 महीने पहले झाबुआ के तत्कालीन कलेक्टर सोमेश मिश्रा के सामने बच्चों की समस्याएं उठाते हुए दमदारी से ये बात कहने वाली निर्मला चौहान ने द सूत्र से खास चर्चा में कहा कि मुख्यमंत्री जी और हम बच्चों के मामा शिवराज जी ने ये फैसला लेने में देरी कर दी, ये तो बहुत पहले ही हो जाना था।



निर्मला चौहान का वीडियो हुआ था वायरल



इंदौर में कलेक्टर बनने की तैयारी कर रही निर्मला चौहान ने कहा कि ऐसे अधिकारी कैसे जिले संभालेंगे जो बच्चों की बात ही नहीं सुनते। बच्चे उन्हें समस्या बताने के लिए थांडला से 32 किलोमीटर दूर से परेशान होकर झाबुआ पहुंचे थे लेकिन दो घंटे तक वे बाहर ही नहीं आए और बच्चों की बात नहीं सुनी, ऐसा प्रशासन किस बात का, जो लोगों की और बच्चों की समस्या ही दूर नहीं कर पाए। मैं नई कलेक्टर रजनी सिंह से भी यही मांग करूंगी कि कृपया सभी की बात सुनें और समस्या दूर करें।



मामा को बढ़ाना होगी मॉनीटरिंग



निर्मला ने कहा कि मामा को अधिकारियों के काम पर मॉनीटरिंग बढ़ाना होगी। बच्चे डरते हैं कि कौन शिकायत करेगा, लोग बोलते हैं कि क्यों ऐसा कर रहे हो। मुझे भी कहा गया था कलेक्टर को ऐसा बोल दिया, मजाक कर रही हो। ये मजाक नहीं था, आज जब उन्हें हटाया गया है तो क्या ये मजाक है ? बच्चे किन हालात से पढ़ने आते हैं, किसी के घर पर मजदूरी होती है तो कोई और काम करता है। कैसे बच्चों को पढ़ाते हैं। ये सभी समस्याएं समझना चाहिए। समस्या होगी तभी तो वे बच्चे बताने आते हैं और आप उन्हें सुनना ही नहीं चाहते तो फिर प्रशासन किस बात का।


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