INDORE: शहर भर में थोक डीलर्स के पास से झंडे खत्म, इंदौर से ही देश भर में गए 70 लाख से ज्यादा झंडे, 15 लाख की मांग अभी भी 

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The Sootr CG
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INDORE: शहर भर में थोक डीलर्स के पास से झंडे खत्म, इंदौर से ही देश भर में गए 70 लाख से ज्यादा झंडे, 15 लाख की मांग अभी भी 

संजय गुप्ता, Indore. हर घर तिरंगा अभियान के बाद से देश भर में झंडों की मांग ने रिकार्ड तोड दिए हैं, हालत यह है कि अब उत्पादकों के पास माल खत्म हो गया है और यहां से थोक डीलर्स के पास इन्हें भेजा गया तो वहां से भी तिरंगा विविध दुकानों के साथ ही विविध संगठनों, प्रशासन, राजनीतिक दलों के पास भेज दिया गया है। अब थोक डीलर्स के पास तिरंगा नहीं बचे हैं। इंदौर के सबसे बड़े ध्वज डीलर्स ओम गुप्ता ने बताया कि पांच अगस्त के दिन के लिए ही उन्हें 15 लाख झंडे भेजने का आर्डर मिला, लेकिन झंडे नहीं होने के कारण उन्होंने इंकार कर दिया। अभी तक वह खुद विविध जगह से झंडे बुलाकर, अपने यहां बनावकर करीब 30 लाख मप्र के साथ ही कर्नाटक, आंध्रा, तमिलनाडु, असम आदि राज्यों में भेज चुके हैं। इंदौर से ही पूरे देश के विविध हिस्सों में 70 लाख से ज्यादा झंडे जा चुके हैं और अब बिल्कुल भी झंडे किसी थोक डीलर्स के पास नहीं है। ओम गुप्ता ने बताया कि इंदौर प्रशासन को पांच लाख से ज्यादा झंडे उन्होंने बनाकर दिए हैं। 



 





इन जगह से आते हैं ध्वज





मुख्य रूप से झंडे बनाने का काम सूरत, अहमदाबाद में होता है। इसके साथ ही हैदराबाद, मथुरा में भी बडे उत्पादक व डीलर्स हैं लेकिन अब सभी जगह झंडे खत्म हो गए हैं। प्रशासन और राजनीतिक दलों की मांग के पास इंदौर के कई उद्योगपतियों ने बाहर से ही इन्हें बुलवाया है, इसमें चार हजार झंडे तो मानकों के हिसाब से खरे नहीं थे तो इन्हें वापस किया गया। अब तो इन्हें बनाने का कपडा भी खत्म हो गया है। 





झंडे की कीमत भी बड़ा मुद्दा





डीलर्स को यह झंडा करीब 14 रुपए में पड़ रहा है, जो वह प्रशासन व अन्य संगठनों को 50-60 पैसा प्रति झंडा जोड़कर आगे सप्लाय कर रहे हैं। डंडी लगाकर यह झंडा ही करीब 15 रुपए में पड़ रहा है। वहीं सूरत, अहमदाबाद से अब आने वाले झंडे महंगे होते जा रहे हैं, यह 16-18 रुपए के बताए जा रहे हैं। वहीं बीच में कमीशन वाले कुछ लोग इन्हें 20 रुपए में भी आगे सप्लाय कर रहे हैं औऱ् इसमें जमकर कमाई कर रहे हैं। 





झंडे की स्टेंडर्ड साइज तय कर दी





पहले झंडे की मांग कम थी तो अलग-अलग साइज के बन रहे थे लेकिन मांग तेजी से बढ़ने के बाद देश भर में सभी उत्पादकों ने एक ही साइज 20 बाय 30 इंच के ही मानक बनाकर उत्पादन शुरू किया और अब यही साइज ही दी जा रही है। जिला प्रशासन इंदौर, बीजेपी इंदौर इन्हें 15 रुपए में दे रही है। चार अगस्त को बीजेपी ने भी झंडा विक्रय केंद्र शुरू कर दिया है।



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