BHOPAL. आठ दिन पहले अमेरिका के लास वेगास में कराटे का यूएस ओपन टूर्नामेंट हुआ। इसमें भोपाल की 30 वर्षीय खिलाड़ी सुप्रिया जाटव ने गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। सुप्रिया ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला कराटे खिलाड़ी बन गई हैं।
सुप्रिया के पिता रिटायर्ड फौजी हैं। उन्होंने कहा कि मैंने आत्मरक्षा के लिए बेटी को कराटे सीखने भेजा था। बेटी ने इसी खेल को ही अपना करियर बना लिया। सुप्रिया अब तक 6 इंटरनेशनल गोल्ड, 22 नेशनल गोल्ड सहित 37 मेडल जीत चुकी हैं। इनमें 12 इंटरनेशनल मेडल भी शामिल हैं। बीते शनिवार को भोपाल लौटीं सुप्रिया ने अपनी सफलता की कहानी बताई।
6 साल की उम्र से सिख रही कराटे
सुप्रिया ने कहा कि मैं 6 साल की थी, जब पापा ने ग्वालियर में कराटे सीखने भेजा। पिता ने मुझसे कहा कि ये खेल लड़कियों के लिए अच्छा है। इसमें सेल्फ डिफेंस सिखाएंगे, ताकि मुसीबत में काम आए। सीखते-सीखते ये खेल मुझे इतना अच्छा लगा कि मैंने इसे ही अपना करियर बनाने की ठानी। सुप्रिया ने बताया कि एक साल में ही मैं मेडल जीतने लगी। साल 2002 में मैं साई धार के लिए सिलेक्ट हुई। यहां कोच जयदेव शर्मा ने मुझे इस खेल की कई बारीकियां से रूबरू करवाया।
सुप्रिया बताती हैं कि 2006-07 में भोपाल में जब मप्र कराटे एकेडमी बनी तो यहां जयदेव सर ही चीफ कोच बने। इसलिए मैं भी इसी एकेडमी में आ गई। तभी से यहां खेल रही हूं। मुझे यहीं पर एकलव्य और विक्रम अवॉर्ड मिला। 2015 में विक्रम अवॉर्ड मिलने के बाद में उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित हुई और उसी आधार पर खेल कोटे में सरकारी नौकरी भी मिल गई। मैं अभी जीएडी में ग्रेड-3 पर हूं। मप्र कराटे एकेडमी एसोसिएटेड मेंबर भी हूं।
स्पोर्ट्स मॉडलिंग भी करती हैं सुप्रिया
सुप्रिया ने कहा कि मैं अब भी टीटी नगर स्टेडियम में ही प्रैक्टिस करती हूं। यहीं पर मेरे खाने की व्यवस्था है। तीन साल पहले जॉब लगने के बाद मैं स्टेडियम में नहीं रहती। बाहर रहती हूं। मेरा भाई मेरे पास रहता है, जो अभी कॉलेज में है। मेरे माता-पिता अहमदाबाद में रहते हैं। इस खेल को मैंने जो दिया है उससे ज्यादा इस खेल ने मुझे दिया है। मैं भविष्य में कोच बनना चाहूंगी। मैं कराटे के अलावा स्पोर्ट्स मॉडलिंग भी करती हूं।