GWALIOR News. ग्वालियर में अचानक लीज खत्म किये जाने से निराश कुछ दुकानदारों ने स्थानीय सासंद से मांग की है कि उन्हें राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की अनुमति दिलवाई जाए। अन्यथा उन्हें विस्थापित किया जाए। दुकानदारों का दावा है अगर बगैर विस्थापित किये उनका रोजगार छीना गया तो लगभग 250 लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। हालांकि सांसद ने जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने का भरोसा दिलाया है लेकिन पीड़ित दुकानदारों के इच्छामृत्यु की अनुमति दिलवाने की बात को सिरे से नकार दिया है।
ये है वजह
ग्वालियर में बस स्टैंड के पास के तकरीबन 10 दुकानदार शुक्रवार को स्थानीय सांसद विवेक शेजवलकर से मिलने पहुचे। इस दौरान दुकानदारों का कहना है कि प्रशासन उनकी दुकानों की लीज खत्म कर उनका रोजगार छीनने की तैयारी में है। इसको लेकर बीते रोज उन्हें 12 घण्टे में अपना सामान समेटने का अल्टीमेटम दिया गया है। हालांकि पीड़ित दुकानदार अपने प्रतिष्ठान खाली करने के लिए तैयार हैं लेकिन वे विस्थापित किये जाने की मांग कर रहे हैं। पीड़ित दुकानदारों ने स्थानीय सांसद से दो टूक कहा है अगर उन्हें विस्थापित नहीं कर सकते तो उन्हें राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की अनुमति दिलवाने में मदद करें। खास बात यह है कि पीड़ित दुकानदारों में बीजेपी का एक वार्ड अध्यक्ष भी शामिल है।
सांसद ने समझाया
वहीं पीड़ित दुकानदारों की समस्या जानने के बाद स्थानीय सांसद विवेक शेजवलकर ने पीड़ित पक्ष को समझाने के भरसक प्रयास भी किये, जो असफल रहे। रोजगार पर संकट खड़ा होता देख सभी दुकानदार स्थानीय सांसद शेजवलकर से विस्थापित नहीं किये जाने की स्थिति में महामहिम राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की अनुमति दिलवाए जाने की मांग कर रहे हैं। अचानक हुए इस घटनाक्रम से सांसद भी परेशान नजर आए। उनसे जब पूछा गया कि दुकानदार इच्छामृत्यु दिलवाए जाने की मांग क्यों कर रहे हैं। इस पर उनका कहना है कि इस बारे में उनकी किसी से कोई बात नहीं हुई है और इतना कहकर वे गन्तव्य की रवाना हो गए।
बहरहाल ताज़ा जानकारी के अनुसार नोटिस मिलने वाले बस स्टैंड के पास के सभी दुकानदार अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है। लिहाजा लामबंद हो गए हैं और किसी भी सूरत में बगैर विस्थापित हुए दुकान नहीं छोड़ने की जिद पर अड़ गए हैं।