REWA. नगर निगम रीवा में नवनिर्वाचित पार्षदों का पहला सम्मिलन कल 1 अगस्त को होने जा रहा है। उक्त सम्मिलन में सभी 45 वार्डों के पार्षदों की मौजूदगी में नई परिषद के अध्यक्ष का चुनाव होना है। 24 साल बाद निगम की सत्ता पर कब्जा कर चुकी कांग्रेस के लिए यह पहली अग्नि परीक्षा भी है,जिसमें उसे अपना अध्यक्ष बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा। आंकड़ों के लिहाज से भाजपा का पलड़ा भारी है,उसके पास 25 पार्षद हैं जबकि कांग्रेस के पाले में 19 ही हैं। परिषद अध्यक्ष बनाने के लिए कांग्रेस को 4 और पार्षद की जरूरत पड़ेगी ।
बताते चलें कि नगर निगम रीवा में कुल 45 वार्ड है, जिसमें शुरू भाजपा के 18 और कांग्रेस के 16 और 11 निर्दलीय पार्षद जीत कर आए थे। मेयर पद गंवाने के बाद भाजपा नेता हरकत में आ गए और सम्पर्क साध कर पहले 6 और फिर एक और निर्दलीय को पार्टी की सदस्यता दिलाकर परिषद अध्यक्ष बनाने का रास्ता सशक्त कर लिया। अब भाजपा के 25 अपने पार्षद हो गए,वहीं कांग्रेस ने भी कोशिश करके अपने आंकड़े को 16 से 19 पहुंचा तो लिया परंतु संख्या बल कम रह गया।
क्रॉस वोटिंग पर टिका कांग्रेस का भरोसा
सियासी चाल में पिछड़ चुकी कांग्रेस पार्टी और उसके रणनीतिकारों का सारा दारोमदार अब केवल पार्षदों में से कुछ के क्रॉस वोटिंग पर टिका है। पार्टी के नेताओं के बयानों को देखें तो उसमें अंतरात्मा का हवाला देकर पार्षदों को उकसाने का काम लगातार किया जा रहा है, साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि भाजपा परिषद अध्यक्ष बनाने के बाद भी नगर निगम में कुछ करने जैसी स्थिति में नहीं रहेगी। मेयर और एमआईसी सर्वोपरि है। बावजूद इसके कांग्रेस अंतिम समय तक पीछे हटने को कतई तैयार नहीं है। मेयर अजय मिश्रा बाबा का कहना है कि 6 पार्षद उनके संपर्क में हैं। मेयर के दावे में कितना दम है,यह कल सामने आ ही जाएगा।कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ पार्षद नजमा बेगम स्पीकर पद की प्रत्याशी हो सकती हैं।
अपनों से सशंकित है भाजपा
उधर कांग्रेस के दावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के पसीना नहीं सूख रहा है। 25 पार्षदों का कुनबा सुरक्षित नहीं माना जा रहा,यही वजह है कि परिपाटी तोडकर 3 दिन पूर्व शपथ दिलवाने के बाद भाजपा ने सभी पार्षदों को चार्टर बसों से रीवा के बाहर अज्ञातवास पर भेज दिया। ऐसा पहली बार है जब किसी पार्टी का अपने पार्षदों पर भरोसा डिगा है।इससे कांग्रेस के दावों को बल मिला है और भाजपा के खेमे में शक घर कर गया। कल सोमवार को रीवा लौटकर आने तक भाजपा पार्षदों को उनके परिवार तक से राफ्ता नहीं हो पा रहा है। भाजपा से व्यंकटेश पांडे, और दीनानाथ वर्मा स्पीकर के दावेदार हैं, दोनों पार्टी के सीनियर पार्षद हैं। बहरहाल भाजपा इससे परिषद अध्यक्ष तो बनवाने में कामयाब होती दिख रही है, लेकिन पार्षदों को बाहर भेजने के बाद पार्टी और नेताओं की जो किरकिरी एवं जगहंसाई हुई,इससे अच्छा संदेश नहीं गया।