SIDHI. जिला पंचायत के वार्ड 14 एवं 17 की गुत्थी सुलझती नजर नहीं आ रही है। हाई कोर्ट द्वारा सुनवाई को एक बार फिर टाल देने से चुनाव का मसला फंसता नजर आ रहा है। 29 को चुनाव होने हैं और 28 को सुनवाई होगी, मतलब साफ है की अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का चुनाव लटक गया l दूसरे जिलों में भले ही तय समय पर निर्वाचन सम्पन्न हो जाएं पर सीधी में चुनावी गोटी कोर्ट के चक्कर में फंस गई है l
डेट बढ़ती रही तो कैसे होंगे चुनाव
जिला पंचायत के अमिलिया वार्ड को लेकर कोर्ट की शरण में गए याचिकाकर्ताओं ने बताया कि हाईकोर्ट द्वारा 25 जुलाई को अमिलिया एवं कुबरी वार्ड के संबंध में सुनवाई की जानी थी, लेकिन अब सुनवाई की तारीख बदल गई है l कोर्ट द्वारा 28 जुलाई की तारीख सुनवाई के लिए नियत की गई है। बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद जिला पंचायत के अमिलिया वार्ड एवं कुबरी बार्ड को लेकर कई याचिका कर्ताओं द्वारा कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसके बाद एक पोलिंग बूथ पर पुनर्मतदान भी किया गया था बावजूद इसके फिर से अमिलिया वार्ड को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई जिसके बाद से यह प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है जबकि 29 जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव होना तय है। अगर ऐसी स्थिति में सुनवाई आगे बढ़ाई जाती है तो फिर तय समय में चुनाव सम्पन्न हो पाना मुश्किल होगा l
समस्या कांग्रेस को ही है
जिला पंचायत के जिन दो वार्डो का परिणाम अधर में है उससे कांग्रेस की ही सदस्य संख्या कम हुई है l कुबरी वार्ड में होने वाली खींच तान कांग्रेस समर्थितों के बीच ही है l अमिलिया वार्ड कांग्रेस विरूद्ध अन्य है पर अभी तो नुकसान कांग्रेस का ही है l भाजपा समर्थित चुनाव जीतेंगे ही पिछली बढ़त से पक्का नहीं दिख रहा है l जीते प्रत्याशी को उलझन में डालने यहां विरोधियो ने कोर्ट का सहारा ले रखा है l कुल मिलाकर कोर्ट के चक्कर के चलते अभी कांग्रेस को ही सफर करना पड़ रहा है l
निकाय चुनाव में जारी है खींचतान
नगरीय निकाय चुनाव सम्पन्न होने के बाद अब अध्यक्षी को लेकर बाड़ाबंदी शुरू कर दी गई है। देखा जाए तो मझौली, सीधी व चुरहट में तो स्पष्ट रूप से निकाय अध्यक्ष बन रहे है लेकिन रामपुर नैकिन निकाय में एक पार्षद ज्यादा होने के कारण खींचतान की गुंजाइश दिख रही है। सीधी में कांग्रेस अपने ही दावेदारों से घिरती नजर आ रही है।बताया गया है कि सीधी नगर पालिका में 14 पार्षद कांग्रेस के जीतकर आये है लेकिन अभी अध्यक्ष किस वर्ग का होगा यह संसय बरकरार है लेकिन इससे पहले ही कांग्रेसी पार्षद अध्यक्षी अनारक्षित मानकर चल रहे है। जिसकी वजह से अध्यक्ष पद के लिए काफी रस्साकशी दिखाई दे रही है। अगर नगर पालिका की अध्यक्षी अनारक्षित होती है तो यह कांग्रेस के लिए गले की फांस बने जायेगी। दावेदारों द्वारा अभी से ही अपने-अपने वाहनों में पार्षदों को भर-भरकर शहर घुमाते देखे जा रहे है। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी असमंजस में बना हुआ है कि किसको अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया जाय तो वहीं दूसरी ओर अगर ओबीसी महिला होती है तो उसमें भी विनोद वर्मा की पुत्रवधू और सोनम सोनी के बीच मामला फंसता दिखाई दे रहा है।