भोपाल. एम्स (AIIMS) में इंटर्न कर रहे जूनियर डॉक्टरों (Junior Doctors) ने इंसेंटिव की मांग को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। डॉक्टरों का कहना है कि प्रबंधन ने 5 महीने का इंसेंटिव नहीं दिया है, जबकि कोरोना काल में उन्होंने ड्यूटी की थी। अब 5 महीने का इंसेंटिव प्रबंधन के पास बकाया है। जब तक इंसेंटिव नहीं दिया जाएगा तब तक वह हड़ताल जारी रखेंगे, ऐसा छात्रों का कहना है।
छात्रों की गुहार पर नहीं हुई सुनवाई
प्रदर्शन कर रहे इंटर्न (Interns) विद्यार्थियों का कहना है कि कोरोना के दौरान इन सभी इंटर्न (Interns) ने काम किया था, जिसको लेकर AIIMS प्रबंधन को हर स्टूडेंट को 44 दिन का पेमेंट और स्टाइपेंट का भुगतान करना था जो अब तक बाकी है। एम्स प्रबंधन ने इस पेमेंट पर रोक लगा रखी है और कई बार गुहार लगाने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई है इसलिये हड़ताल (Demonstration) शुरु कर दी है।
इंटर्न की एम्स प्रबंधन को चेतावनी
दरअसल इंटर्नशिप करने वाले एमबीबीएस के स्टूडेंट्स होते हैं। इंटर्न डॉक्टर भी एम्स में काम करते हैं और इसके लिये उन्हें काम का भुगतान एम्स प्रबंधन करता है। लेकिन प्रबंधन ने पिछले 44 दिनों से इनका पेमेंट रोक कर रखा है। जिसको लेकर सभी छात्र हड़ताल पर बैठ गए हैं। गुरुवार को एम्स के मुख्य गेट के बाहर इंटर्न विद्यार्थियों ने बैठकर मौन प्रदर्शन किया। फिलहाल धरने पर बैठे स्टूडेंट्स मांगे पूरी नहीं होने तक इसी तरह प्रदर्शन कर हड़ताल करने की चेतावनी दी है। तो वहीं हड़ताल को लेकर एम्स प्रबंधन चुप्पी साधे हुए है। मौजूद विद्यार्थियों पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा हड़ताल (Strike) खत्म करने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है।