KHANDWA. खंडवा पुलिस ने कोटाघाट में तीन बहनों के फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाली गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस के मुताबिक इन युवतियों को इनकी भाभी गेहूं नहीं देती थी, खेत में भी काम करने नहीं जाने दिया जाता था। बैल खुद के होने के बाद भी खेत से निकलने वाले गेहूं पर भाभी ताला लगाकर रखती थीं। एक बहन ससुराल में सुखी नहीं थी, उसका पति शराब पीता हैं। इस तरह की चार वॉइस रिकॉर्डिंग से पुलिस ने 3 सगी बहनों की आत्महत्या की गुत्थी को सुलझाने में कामयाबी हासिल की है। मामले का खुलासा पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने पुलिस कंट्रोल रूम में किया। पुलिस का कहना है कि तीनों बहनों ने डिप्रेशन की वजह से खुदकुशी की है।
कोटाघाट गांव में नीम के पेड़ से लटके मिले थे तीनों के शव
कुछ दिन पहले कोटाघाट गांव में रात के समय तीन सगी बहनें सोनू, सावित्री और ललिता ने एक साथ फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। तीनों के शव घर से कुछ दूर नीम के पेड़ पर लटके मिले थे। इस मामले में जावर पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया था। मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि पुलिस ने जांच के दौरान सोनू का मोबाइल जब्त किया गया था। मोबाइल की कॉल डिटेल और व्हाट्सएप संदेश देखे।
फांसी लगाने से पहले बड़ी बहन चंपक से की थी बात
घटना की रात फांसी लगाने से पहले सोनू, सावित्री और ललिता ने अपनी बड़ी बहन चंपक से बात की। इसके बाद सोनू ने रात करीब 9 बजे 4 वॉइस रिकॉर्डिंग की। ये रिकॉर्डिंग उसने गुड़ी में रहने वाले बड़े भाई, बड़ी बहन और जीजा को भेजी। जीजा को भेजी रिकॉर्डिंग में उसने शराब की लत को लेकर कहा कि वे शराब पीते हैं। साथ ही बहन सावित्री को परेशान करते हैं। उसे शादी के बाद कभी सुख नहीं दिया। बड़ी बहन और भाई को भेजी।
रिकॉर्डिंग में बहनों ने बयां किया अपना दर्द
रिकॉर्डिंग में कहा कि पिता की मौत के बाद खेत से निकलने वाले गेहूं पर भाभी ने कब्जा कर रखा है। खेत हमारा भी है और बैल भी लेकिन न तो उन्हें खेत में काम करने दिया जाता है और न ही खाने के लिए गेहूं देते हैं। मक्के की रोटी खानी पड़ती है। भाभी से जब भी गेहूं मांगे तो वो मना कर देती हैं। उन्होंने गेहूं की कोठी में ताला लगा रखा है। इस बारे में कई बार भाई से कहा तो वो भाभी को कुछ नहीं कहता। अब हम लोग अकेले रह गए हैं। अभी जब बहन सावित्री की शादी हुई लेकिन उसे भी ससुराल में सुख नहीं। जीजा शराब पीकर आते हैं। वो शराब के नशे में ही रहते हैं। इस तरह से तीनों बहनें काफी समय से डिप्रेशन में थीं। इसके चलते उन्होंने ये आत्मघाती कदम उठाया। हालांकि इस मामले में परिवार ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने की इच्छा जताई है।
घटना के बाद गरमा गई थी मध्यप्रदेश की राजनीति
तीनों बहनों के सुसाइड केस ने मध्यप्रदेश की राजनीति में भी उबाल ला दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि इस घटना के पीछे सामने आ रहे अलग-अलग कारण, निष्पक्ष जांच हो। तो वहीं सरकार की ओर से वन मंत्री विजय शाह ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया था।