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संजय गुप्ता, INDORE. महापौर पुष्यमित्र भार्गव अपनी पहली ही मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) बैठक में लिए गए फैसलों से विवादों में आ गए हैं। महापौर ने पहली बैठक में जरूरी मुद्दों पर कम और नाम बदलने के फैसले अधिक लिए। एमआईसी ने हाल ही में दिवंगत हुए बीजेपी प्रवक्ता उमेश शर्मा के नाम पर उनके घर के पास बने संयोगितागंज शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का नाम करने का फैसला लिया। इस मामले में पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन ने गहरी नाराजगी जाहिर की है।
होलकर परिवार के सदस्यों का नाम हटाना उचित नहीं
ताई समर्थक सुधीर देड़गे ने कहा कि उमेश जी सभी के सम्माननीय हैं लेकिन हमारा कहना केवल ये है कि इंदौर का विकास करने वाले होलकर परिवार के सदस्यों का नाम हटाना कहां तक उचित है। महाराजा यशवंत राव होल्कर की पत्नी इंदौर की महारानी संयोगिता राजे होलकर के नाम से संयोगितागंज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का नाम था। इसका नाम बदलकर उमेश शर्मा जी के नाम से करना यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। महापौर जी से निवेदन है कि इस पर पुनर्विचार किया जाए।
भाई गुट में शामिल भार्गव के लिए बन गई चुनौती
निगम चुनाव से ही भार्गव पूरी तरह से बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय यानी भाई गुट के साथ दिख रहे हैं। वहीं हाल ही में विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया की बढ़ती नजदीकी के बीच सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ताई को विशेष हेलीकॉप्टर भेजकर भोपाल मिलने बुलाया और इस घटना के बाद से ही ताई इंदौर की राजनीति में एकदम सक्रिय हो गई है, वो अब सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी जा रही है और अधिकारियों को भी समीक्षा के लिए बुला रही है। मराठी समाज के बीच ताई की गहरी पकड़ और जुडाव है, ऐसे में बिना उनकी सहमति से भार्गव द्वारा बाले-बाले ये फैसला करना सक्रिय ताई को नागवार गुजरा है।