संजय गुप्ता,Indore.इंदौर नगर निगम के 24वें और सबसे युवा महापौर के रूप में पुष्यमित्र भार्गव पांच अगस्त की शाम पांच बजे अभय प्रशाल में शपथ लेंगे। सीएम हाउस से जारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शेड्यूल के मुताबिक इस समय पर वह भोपाल मंत्रालय में सात अगस्त को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक की ब्रीफिंग ले रहे होंगे और इसके बाद कार से घर रवाना होंगे। यानि कि उनका इंदौर आने का कोई कार्यक्रम नहीं है। वहीं जिले के प्रभारी व गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र का भी इंदौर आने का कोई शेड्यूल नहीं आया है। गृहमंत्री केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के कार्यक्रम के लिए भी इंदौर नहीं आए थे, लंबे समय से उनकी इंदौर से दूरियां बनी हुईं हैं, खासकर जहां सीएम होते हैं, वह वहां नहीं आते हैं। इसके पहले निगम चुनाव के दौरान सीएम भार्गव के नामांकन कार्यक्रम और रोड शो के लिए इंदौर आए, तब भी वह इंदौर से दूर ही रहे।
गुट की पसंद के कारण सीएम की दूरी तो नहीं
वहीं चुनाव रिजल्ट के बाद शपथ समारोह में होने वाली देरी को लेकर भी लगातार शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। जिस तरह महापौर प्रत्याशी के लिए पहले डॉ. निशांत खरे का नाम सीएम खेमे से आया और फिर कैलाश विजयवर्गीय ने खुलकर विरोध किया और आखिर में भार्गव का नाम उछलकर आया, इससे यह संदेश जा रहा है कि भार्गव विजयवर्गीय गुट के प्रत्याशी हैं। चुनाव प्रचार के दौरान रमेश मेंदोला को ही संयोजक बनाया गया था और विजयवर्गीय लगातार मोर्चा संभाले हुए थे, यहां तक कि विधानसभा एक से मजबूत कांग्रेस नेता कमलेश खंडेलवाल को भी तोड़ लिया था, लेकिन तब भी सीएम ने खंडेलवाल को बीजेपी में शामिल करने पर हामी नहीं भरी थी। एबीवीपी के समय से ही भार्गव लगातार विजयवर्गीय के साथ जुड़े रहे हैं। साथ ही एबीवीपी के चलते ही उनके बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा से भी आत्मीय संबंध हैं, भार्गव को आगे बढ़ाने में उनकी भी अहम भूमिका रही है।
शहर के फाउंडर होलकर द्वितीय से अभी तक महापौर
तुकोजीराव होकर द्वितीय को इंदौर का फाउंडर माना जाता है, इन्होंने 43 साल तक शहर का विकास किया। इसके बाद ईशवचंद जैन, प्रभाकर अडसुले (एक ही दिन), बालकृष्ण गौहर, सरकार शेरसिंह, डॉ. बीबी पुरोहित, आरएन जुत्शी, एनके शुक्ला, भंवरसिंह भंडारी, लक्ष्मण सिंह चौहान, लक्ष्मीशंकर शुक्ला, चांदमल गुप्ता, लालचंद मित्तल, नारायणराव धर्म, पंडित श्रीवल्लभ शर्मा, मुधुकर वर्मा
प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली से चुने गए महापौर
कैलाश विजयवर्गीय, डॉ. उमा शशि शर्मा, कृष्णमुरारी मोघे, मालिनी लक्ष्मण गौड और अब पुष्यमित्र भार्गव