Narsinghpur. शंकरचार्य स्वामी स्वरूपानंद के महाप्रयाण के बाद उनके उत्तराधिकारियों का ऐलान कर दिया गया है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिषपीठ बद्रीनाथ और स्वामी सदानंद को द्वारका पीठ का प्रमुख घोषित किया गया है। दोनों के नामों की घोषणा शंकरचार्य की पार्थिव देह के सामने हुई। आदिगुरू शंकरचार्य का 99 वर्ष की आयु में देहावसान हो गया। स्वरूपानंद पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और बंगलुरू के विशेषज्ञ टीम उनका उपचार कर रही थी। सनातन धर्म की रक्षा के लिए आजीवन वे संघर्षरत रहे स्वरूपानंद का 11 सिंतबंर को नरसिंहपुर जिले की झोतेश्वर पीठ के परमहंसी गंगा आश्रम में निधन हो गया था। उनके निधन की खबर से समाज के सभी वर्गों में शोक का वातावरण है। स्वरूपानंद सरस्वती अपनी बेबाक बयानी के लिए भी जाने जाते थे। वे ज्योतिषपीठ और द्वारका पीठ के शंकराचार्य थे।
झोतेश्वर क्षेत्र को दिलाई पहचान
नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर क्षेत्र को संपूर्ण भारत के नक्शे में एक पहचान दिलाने का काम शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने किया था। उन्होंने अपनी तप साधना से इस क्षेत्र को आलौकिक किया। शक्तिपीठ की स्थापना कराकर क्षेत्र में धर्ममयि वातावरण और धर्ममयि संस्कार क्षेत्रवासियों को दिए।