Bhopal. किसी व्यक्ति पर जानलेवा हमला करने की सजा सिर्फ इंसानों को ही नहीं मिलती, बल्कि ये सजा हमारे राष्ट्रीय पशु टाइगर को भी भुगतनी पड़ती है। ऐसी ही सजा भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में 6 बाघ काट रहे हैं। इन बाघों को उम्रकैद की सजा दी गई है। क्योंकि इन्होंने इंसानों पर हमला किया था। सजा काटने वाले इन बाघों की फेहरिस्त में जल्द ही एक और नाम बाघिन सुंदरी का जुड़ने जा रहा है। जिसे जल्द ही वन विहार लाया जाएगा।
बाघ काट रहे हैं उम्रकैद की सजा
वन विहार में करीब 13 बाघ हैं। इनमें से 6 बाघ अपनी पूरी जिंदगी वन विहार के बाड़े में ही बिताएंगे। वन विहार के बंधु और बांधव को 2015 में बांधवगढ़ से रेस्क्यू कर लाया गया था। इन दोनों आदमखोर बाघों ने दो लोगों की जान ले ली थी। इसके बाद से यह वन विहार में ही अपनी जिंदगी बिता रहे हैं। यही हाल मटककली का है, जिसे 2016 में मटकुली से रेस्क्यू किया गया था। यहां इस बाघिन ने दो लोगों की जान ली थी। मटकुली से लाने की वजह से इसे वन विहार में मटककली नाम दिया गया।
पिछले साल हरदा के नर बाघ ने एक चरवाहे का शिकार किया और बाद में उसने एक वन रक्षक पर हमला कर उसे घायल कर दिया था। इसके बाद बाघ को ट्रेंकुलाइज कर वन विहार लाया गया था। जब इसे लाया गया तब इस बाघ के सिर पर गहरा घाव था, वन विहार में इसे नाम मिला शौर्य। यह बाकी जिंदगी अब वन विहार में ही बिताएगा। पेंच टाइगर रिजर्व में 2 लोगों पर हमला करने के बाद एक और नर बाघ को 2021 में पकड़कर वन विहार लाया गया था, इसका नाम पंचम रखा गया था। 2020 में सारणी में दो लोगों पर हमला करने के बाद एक नर बाघ को पकड़कर वन विहार लाया गया। इसे वन विहार ने सरन नाम दिया था। इसके अलावा ऐसे ही दो बाघ इंदौर और दिल्ली के जू से भेजे गए थे।
अब बाघिन सुंदरी काटेगी सजा
साल 2021 से कान्हा टाइगर रिजर्व में रह रही बाघिन सुंदरी को भी जल्द ही अब वन विहार लाया जाएगा। यह बाघिन अब बाकी की उम्र वन विहार में ही काटेगी। सुंदरी को जून 2018 में बाघ पुर्नस्थापना कार्यक्रम के तहत ओडिशा के सतकोसिया टाइगर रिजर्व भेजा गया था। लेकिन दो साल की उम्र में भी बाघिन शिकार नहीं कर पा रही थी। बाद में सुंदरी के साथ वंश बढ़ाने के लिए कान्हा टाइगर रिजर्व से बाघ महावीर को भी भेजा गया, लेकिन उसे जहर देकर मार दिया गया था। बाद में सुंदरी ने 4 लोगों पर हमला किया, तो उसे नंदनकानन चिड़ियाघर में कैद कर दिया गया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आपत्ति के बाद इसे वापस कान्हा लेकर आ गए, हालांकि सुंदरी आदमी के नजदीक रहने की आदी हो गई और आहट सुनते ही लोगों के पास पहुंचने की कोशिश करती है, इसलिए इसे अब वन विहार में ही रखा जाएगा।