MP के ‘शाहजहां’: स्कूल मालिक ने पत्नी के लिए बनवा दिया 'ताज', यहीं दफ्न हुई थी मुमताज

author-image
एडिट
New Update
MP के ‘शाहजहां’: स्कूल मालिक ने पत्नी के लिए बनवा दिया 'ताज', यहीं दफ्न हुई थी मुमताज

बुरहानपुर. जिले में एक स्कूल संचालक आंनद चौकसे ने अपनी पत्नी के लिए ताजमहल (Burhanpur Tajmahal) बनवा दिया। इसकी कारीगरी और बनाने की नीयत इसे आगरा के ताजमहल (Tajmahal Story) के जितना ही खास बनाती है। आगरा में बनाए गए ताजमहल को शुरुआत में बुरहानपुर में ताप्ती नदी (Tapti River) के किनारे ही बनाया जाना था। लेकिन किन्हीं कारण की वजह से ये बुरहानपुर में नहीं बन पाया। आनंद को यहां ताज के न होने की कसक थी। इसलिए जब उन्हें मौका मिला तो उन्होने अपनी पत्नी को ताज की तरह ही यादगार गिफ्ट दिया।

बुरहानपुर को मुमताज से याद किया जाए- आनंद

आनंद स्कूल मैक्रो विजन (Macro Vison School) के संचालक है। उन्होंने बताया कि इस स्कूल में देश-विदेश से बच्चे और पेरेंट्स आते हैं। हम चाहते थे कि वो बुरहानपुर को मुमताज और ताजमहल के तौर पर याद करें। ये हमारा व्यक्तिगत घर है जिसे हमने ताजमहल की शक्ल में बनाया है। इस ताज के कारीगर मुश्ताक ने बताया कि इस बनाने के दौरान हमारे लिए मेहनत, रात-दिन कोई मायने नहीं रखता है। सर ने बोला और हम बनाने में जुट गए।

प्यार और शिद्दत से बनाया गया- मंजूषा

ताजमहल की मालकिन मंजूषा चौकसे ने बताया कि जब हम लोग आगरा गए थे तो सभी लोग अलग तरीके से ताज को देखने जाते हैं लेकिन आनंद का नजरिया इसे घर बनाने का था। कारीगरों ने जितने प्यार और शिद्दत से इसे आकार दिया है। इसी कारण इसे देखने के लिए लोग आते हैं। 

1631 में बुरहानपुर में मुमताज को दफनाया

शाहजहां की पत्नी मुमताज (Mumtaj burhanpur connection) का निधन आगरा में नहीं, बल्कि बुरहानपुर में साल 1631 में हुआ था। उनकी मृत देह को कैमिकल की मदद से 6 महीने के लिए ताप्ती के किनारे ही दफनाया गया था। यहीं ताजमहल का निर्माण होना था। उस समय  बुरहानपुर मुगल काल (Mughal) का एक बहुत महत्वपूर्ण शहर था। इसे मुगलों की दूसरी राजधानी भी कहा जाता था। 

इस कारण बुरहानपुर में नहीं बना ताजमहल

मुगल बादशाह ने उस वक्त के बेहतरीन वास्तुकारों को बुलाया और सफेद संगमरमर का एक अद्भुत मकबरा बनाने की इच्छा जाहिर की। लेकिन वास्तुकारों ने बुरहानपुर में ताप्ती के किनारे की जमीन को इस तरह के निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं पाया। ये भी कहा जाता है कि यहां कि मिट्टी में दीमक की समस्या अधिक थी, जो निर्माण के लिए ठीक नहीं थी। साथ ही राजस्थान से यहां संगमरमर लाना भी एक पेचीदा काम था। इन्हीं कारणों से ताजमहल को बुरहानपुर के बजाय आगरा में बनाया गया, जिसकी चमक आज भी पूरी दुनिया देख रही है।

मुमताज महल बुरहानपुर ताजमहल burhanpur tajmahal story Mumtaj burhanpur connection Macro Vision School Tajmahal Story Burhanpur Tajmahal Tapti River The Sootr