सुनील शर्मा ,BHIND. रंगबाजी के लिए पहले दलितों को पीट - पीटकर घायल किया। पुलिस में रिपोर्ट लिखाई तो गाँव की पंचायत में इसकी सजा सुनाई। पीटने वालो को डेढ़ लाख रुपये दो और गाँव छोड़कर भाग जाओ। भयभीत दलित परिवार इस पर भी राजी हो गया लेकिन बाहुबली इससे भी संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने दलितों के दो लड़कों को बुलाया। नाई को बुलाकर उनके बालों पर उस्तरा चलबाया। जूतों की माला बनवाई और फिर उनके गले में डाली। फिर जुटे देते हुए पूरे गाँव में जुलूस निकला। यह घटनाक्रम अफगानिस्तान का नहीं है है जहाँ क्रूर तालिबान का शासन है बल्कि मध्यप्रदेश के भिंड जिले के शहर से सटे एक गांव का है जहाँ बाहुबलियों ने यह निर्दोष ,निरपराध लोगों के साथ यह अमानवीय कृत्य किया है। घटना की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने आरोपियों को दबोच लिया है लेकिन गाँव में तनाव और दहशत का माहौल है। ख़ास बात ये है कि अभी तक पुलिस छह में से सिर्फ दो ही लोगों को गिरफ्तार कर पाए है जबकि बाकी चार अभी भी फरार हैं जिनके कारण गाँव में दहशाट का माहौल है।
शहर से महज तीन किलोमीटर दूर घटी यह घटना
भिंड जिले के ग्राम दबोहा में दबंगों का तालिबानी आतंक देखने को मिला है, यहाँ दलित परिवार के दो भाइयों का मुंडन कर जूतों की माला पहनाकर गांव भर में घुमाने की घटना प्रकाश में आयी है, पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुराने विवाद में राजीनामा के नाम पर बुलाकर इस अमानवीय कृत्य को अंजाम दिया गया है, मामला उजागर होते ही पुलिस गांव में पहुँची और पीड़ितों को थाने ला कर उनकी शिकायत पर आईपीसी और एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया। घटना के बाद से गाँव में तनाव और दहशत का माहौल है। घटना जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर की है। सबसे बड़ी बात ये है कि जिस गाँव में यह हुई वह जिला मुख्यालय से एकदम सटा हुआ है और भिंड -ग्वालियर रोड पर ही स्थित है जो सबसे व्यस्त मार्ग है । ऐसी जगह में दबंगों के पुलिस और प्रशासन से बेख़ौफ़ होकर इस तालिबानी ढंग से सजा देने की घटना ने लोगों को दहशत में डाल रखा है।
पंचायत बुलाई ,दंड लगाया और गाँव छोड़ने का फरमान दिया
ज़िला मुख्यालय से तीन किलोमीटर पर स्थित दबोहा गांव में डेढ़ महीने पहले गांव के रहने वाले बुद्धराम शर्मा से गांव के ही रामवीर शाक्य, धर्मेंद्र और संतोष समेत एक अन्य ने डंडों से मारपीट कर दी थी. जिसके बाद इस मामले में रामवीर समेत चारों के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी,लेकिन बाद में समझौते के लिए पहल कर गांव में पंचायत बुलाई गयी, ग्रामीणों के मुताबिक इस पंचायत में निर्णय लिया गया कि मारपीट होने पर थाने में रिपोर्ट लिखाने की सजा के रूप में दलित परिवार डेढ़ लाख रुपये बुद्ध राम शर्मा को देगा और उसके बाद गांव छोड़ कर चला जाएगा , भयभीत दलित परिवार इस पर रज़ामंद हो गया हो गया था। इसी बीच सुलह करने की बात कह संतोष और दिलीप शाक्य के हाथों पैसे देने के नाम पर बुलाया गया.पीड़ित परिवार का आरोप है कि यहाँ दबंग बुद्धराम और उसके साथ में मौजूद लोगों ने दोनों युवकों का मुंडन कराया उनके सिर पर जूते रखे इसके बाद जूतों की माला बनाकर पहनाकर गांव में घुमाया। इसी दौरान किसी गांव के व्यक्ति द्वारा पुलिस तक सूचना पहुँच गयी, जिस पर देहात थाना पुलिस भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँची और दोनों पीड़ितों को देहात थाना लाया गया।
बाकी परिजन भयभीत होकर भाग गए
पीड़ित युवकों के भाई ने बताया कि दबनग लोग हथियार लिए हुए थे और उनके इरादे अत्यंत खतरनाक थे। हम लोग इतने भयभीत हो गए थे कि अपने भाइयों के साथ इस अमानवीय कृत्य होने के बावजूद कुछ नहीं कर सके बल्कि सब लोग अपने -अपने प्राण बचाकर भाग निकले। जब पुलिस मौके पर पहुंची तब ये लोग थाने पहुंचे और सारा घटनाक्रम पुलिस को बताया।
छह में से दो ही हुए गिरफ्तार
भिंड एसपी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि पीड़ित परिवार की शिकायत पर पुलिस ने 6 आरोपी बुधराम शर्मा, संजय शर्मा, दिलीप शर्मा, राजू शर्मा, एक अन्य और कथित नाई जिसने मुंडन किया सुनील श्रीवास पर आईपीसी और एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में मामला पंजीबद्ध किया है। दो आरोपियों को हिरासत में लिया गया है.अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास भी पुलिस द्वारा किए जा रहे हैं। मामले के बाद पूरे गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है, जिसके चलते वहाँ भी पुलिस ने सुरक्षा इंतज़ाम के लिए पुलिसबल तैनात किया है।