उमा ने की शिव की चुगली, भाजपाई-कांग्रेसी याराना, कैलाश के तीर..घाव करें गंभीर

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Atul Tiwari
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उमा ने की शिव की चुगली, भाजपाई-कांग्रेसी याराना, कैलाश के तीर..घाव करें गंभीर

हरीश दिवेकर। चैत्र नवरात्रि शुरू हो चुकी है। अब लोग हिंदू नव संवत्सर को जोर-शोर से मना रहे हैं। वैसे अप्रैल की शुरुआत है, लेकिन लू-लपट ऐसी चल रही है कि मानो मई आ गया हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मास्टर स्ट्रोक के महारथी माने जाते हैं। बच्चों से परीक्षा पे चर्चा करके ही सब साध लेते हैं। मध्य प्रदेश में शिवराज ने कैबिनेट के साथ चिंतन बैठक करके बता दिया कि वे अगले चुनाव की तैयारी शुरू कर चुके हैं। वैसे मामा, अब बुल्डोजर मामा कहलाने लगे हैं। आरोपियों के घर ढहाने में प्रशासन जरा भी वक्त नहीं लगा रहा। शायद मामा जान गए हैं कि बुल्डोजर की छवि कुर्सी दिला ही नहीं, बचा भी सकती है। बीते हफ्ते प्रदेश में कई खबरें पकीं, अंदरखाने की जानना हो तो आप सीधे अंदर उतर आइए...   





उमा ने की शिव की चुगली





प्रदेश में इन दिनों उमा दीदी धमाल मचाए हुए हैं। वो कुछ न कुछ ऐसा कर देती हैं, जिससे शिव बाबू की ​नींद उड़ जाती है। उमा के उग्र तेवरों को देखकर लगता है कि वो 2023 से पहले कुछ बड़ा करने वाली हैं। सबसे ज्यादा डर शिव बा​बू को ही है। शराबबंदी को लेकर पत्थर मारकर हंगामा खड़ा करने के बाद अब उन्होंने राष्ट्र्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा से शिव बाबू की चुगली कर दी। उमा ने अपने बेबाक अंदाज में ये तक कह दिया कि शराबबंदी करने की बजाए ज्यादा शराब बेचने की नीति बनाकर सरकार की छवि खराब की है। उमा को एक्शन का इंतजार है। यदि नहीं हुआ तो संभव है कि वो खुद रिएक्शन देकर नया बखेड़ा खड़ा कर दें। भई, जो कुछ भी हो, लेकिन उमा ने मुद्दा जनता से जुड़ा पकड़ा है, महिलाएं भी साथ में खड़ी होने लगी हैं। इसे देखकर तो मीर तक़ी मीर का वो श़ेर याद आता है- इब्तिदा-ए-इश्क़ है, रोता है क्या, आगे-आगे देखिए होता है क्या।





गुपचुप निभ रही दोस्ती





आप कहते रहिए कांग्रेस-भाजपा में गहरे मतभेद हैं। कट्टर दुश्मनी है। हो भी सकती है, लेकिन तभी तक, जब किसी को राजनीति करनी हो। बात जब काम की हो तो याराना पक्का हो जाता है। बीजेपी के एक बड़े नेता इन दिनों कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता से पक्का याराना निभा रहे हैं। मामला इंदौर के एक कारोबारी का है। ये साहब कारोबार में पार्टनर से उलझ गए। बात थाना-कचहरी तक गई तो दूसरे पक्ष ने बीजेपी का सहारा लिया। कारोबारी के पास कांग्रेस थी। लेकिन वो कांग्रेस इतनी वजनदार थी कि बीजेपी वाले पर भारी पड़ गई। जैसे ही बीजेपी वाले ने भाग-दौड़ शुरू की, हर मोड़ पर मात खाता चला गया। उसे समझ ही पड़ रहा कि उसकी सुनने के बजाए पलड़ा दूसरी तरफ क्यों लुढ़क रहा है। अब उन्हें कौन समझाए कि कारोबार कोई राजनीति थोड़ी है कि कागज-पत्तर लेकर साबित कर दो कि हम सच्चे तुम झूठे। राजनीति तो पक्की राजनीति। वो ही तय करती है कौन सच्चा कौन झूठा। और राजनीति वजनदार हो तो फिर उसका तय किया ही सच्चा माना जाता है भले ही दूसरा कितना भी सच्चा हो। 





शिष्य परेशान हो गया





भाजपा के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय बोल गए- जो संगठन के पद पर बैठा है, उसे चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। उन्होंने किसके लिए कौन सा तीर चलाया था पता नहीं।  चलाया था या चल गया यह भी पता नहीं, लेकिन यह पक्का पता है कि इससे इंदौर में दो तीर चल गए। यहां संगठन में दो सज्जन ऐसे बैठे हैं, जो रात को उठ-उठकर सिर्फ इसलिए बैठ जाते हैं कि पता नहीं टिकट मिलेगा या नहीं। बोले तो...टिकट के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं। उससे बड़ी बात तो यह इनमें से एक तो कैलाश जी का ही तैयार किया हुआ शिष्य है। हां, दूसरा जरूर विरोधी खेमे में पाया जाता है। वैसे कहने वाले कह रहे हैं, भैया का निशाना कोई नहीं था, वो एक सहज उद्गगार थे, जो उनके श्रीमुख से निकल गए। वैसे भी वो कई बार श्रीमुख से ऐसा कुछ कहते रहते हैं, जिससे खुद तो मजे में रहते हैं, लेकिन पता नहीं कितनों का मजा, बे-मजा कर देते हैं, फिर वो नेता इंदौर का हो, भोपाल का या बंगाल का। 





जाते-जाते दे गए झटका





साफ सुथरी छवि वाले सीनियर आईएएस रिटायर होते होते सरकार को झटका दे गए। व्यापमं में पेपर लीक होने के मामले में आईसीपी केसरी ने व्यापमं अध्यक्ष होने के नाते पत्रकारों से चर्चा कर पूरे मामले में सफाई दी, लेकिन इस दौरान वे एक ऐसा सच बता गए, जिससे सरकार की किरकिरी हो गई। उन्होंने परिवहन मंत्री के कॉलेज से पेपर लीक होने की जानकारी देकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। उनकी जगह कोई दूसरा आईएएस होता तो शायद सरकार भक्ति के चलते उसे गोल-मोल कर सकता था। लेकिन केसरी साहब ठहरे दिल्लीवासी, बिना कोई लाग-लपेट सीधा सपाट बोलने वाले, सो बोलकर रिटायर हो गए। अब उनके बाद के अफसर इस मामले को लीपापोती करने में लगे हुए हैं। 





चर्चा में पत्रकार-आईएएस की शादी





महिला आईएएस शैलबाला मार्टिन और सीनियर जर्नलिस्ट राकेश पाठक की शादी इन दिनों पॉवर लॉबी में चर्चा का विषय बनी हुई है। हालांकि, विवाह बंधन में बंधने की जानकारी खुद आईएएस और पत्रकार ने अपनी फेसबुक वॉल पर दी है। 





पंडितजी के हिस्से में मलाईदार विभाग 





मंत्रालय के सीनियर आईएएस अफसरों मे पंडितजी चर्चा का विषय बने हुए हैं। हर दूसरा आईएएस जानना चाहता है कि पंडितजी के पास कौन सी जादू की छड़ी है, जो उन्हें सारे मलाईदार महकमे मिले है। पहले से नोट उगलने वाला विभाग ट्रांसपोर्ट और धन संसाधन उनके पास होते हुए भी उन्हें अब हजारों करोड़ों के ठेके करने वाला एनवीडीए भी मिल गया। अब अफसर एक दूसरे से कहते फिर रहे हैं कि बड़े साहब को यस मैन पसंद है, पंडितजी के इसके मास्टर माने जाते हैं। लूप लाइन मे पदस्थ अब पंडितजी से मंत्र लेने का सोच रहे हैं, जिसमें उनका भी कल्याण हो जाए।





कई आईपीएस अफसरों के अरमानों पर बुलडोजर





महाराज ने अपने चहेते और भरोसेमंद आईपीएस के लिए कई आईपीएस अफसरों के अरमान पर पानी फेर दिया। ये सभी अफसर बड़ी बैचेनी से ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन के प्रमोशन का इंतजार कर रहे थे, इन्हें उम्मीद थी कि जैन के स्पेशल डीजी बनते ही उन्हें दूसरी जगह पदस्थ किया जाएगा ऐसे मे नोट उगलने वाली कुर्सी पर बैठने के लिए दावेदारों ने अपने राजनीतिक और व्यापारिक संबंधों का जैक भी लगाया, लेकिन महाराज की जिद से उनके सपने धराशाई हो गए।



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