Jabalpur. हाईकोर्ट ने कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग के नाम की आड़ लेकर बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई की। अभियोजन के मुताबिक छिंदवाड़ा निवासी धर्मेंद्र विश्वकर्मा और सतीश बादशाह के खिलाफ परासिया थाने में धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं पर मामला दर्ज हुआ था। दोनों ने कई छात्रों से नौकरी के नाम पर लाखों रुपए की ठगी की थी। धर्मेंद्र खुदको कैबिनेट मंत्री का पी ए बताता था। रकम वसूली का काम सतीश करता था।
शासकीय अधिवक्ता वेदप्रकाश ने आरोपियों की जमानत अर्जी पर आपत्ति लगाई। कहा गया कि आरोपियों ने बेरोजगार छात्रों से तकरीबन 15 लाख रुपयों की ठगी की है। युवाओं को भविष्य का सपना दिखाकर ठगा गया है। जो कि गंभीर अपराध है। हाईकोर्ट ने अभियोजन पक्ष के तर्क मंजूर करते हुए दोनों आरोपियों की जमानत अर्जी को निरस्त कर दिया।