Jabalpur. जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें अधिसूचना जारी कर 53 प्रजाति के पेड़ों की लकड़ी के परिवहन को ट्रांजिट पास की अनिवार्यता खत्म कर दी गई थी। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डबल बेंच टिंबर मर्चेंट एसोसिएशन की अर्जी को निरस्त कर दिया है।
रिसर्च स्कॉलर ने लगाई थी विरोध में याचिका
दरअसल राज्य सरकार ने सितंबर 2015 में अधिसूचना जारी कर 53 प्रजातियों के वृक्षों की लकड़ी के परिवहन को ट्रांजिट पास से मुक्त कर दिया था। जिनमें आम, जामुन, नीम, बरगद, पीपल और बबूल जैसे वृक्ष शामिल थे। जिसके चलते संजीवनी नगर निवासी रिसर्च स्कॉलर विवेक शर्मा ने जनहित याचिका दायर की थी जिसमें तर्क दिया था कि इस फैसले के बाद ग्राम पंचायतों से स्वीकृति लेकर बड़े पैमाने पर वृक्षों की कटाई हो रही है। वहीं नेशनल हाइवे निर्माण के दौरान जो पेड़ काटे गए उनके स्थान पर नए वृक्षों की जगह पौधारोपण भी नहीं किया गया।
टिंबर मर्चेंट एसो. ने आदेश को यथावत रखने लगाई थी अर्जी
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए टिंबर मर्चेंट एसोसिएशन की अर्जी को निरस्त कर दिया वहीं राज्य सरकार के उस फैसले पर भी
रोक लगा दी है जिसमें लकड़ी के परिवहन को ट्रांजिट पास से मुक्त कर दिया गया था।