Jabalpur. फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर खान की गर्भावस्था से जुड़ी विवादित किताब का मामला मध्यप्रदेश हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। जस्टिस डीके पालीवाल की एकलपीठ ने बुधवार को मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद राज्य सरकार को भी मामले में पक्षकार बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। इसी के साथ मामले की
अगली सुनवाई 16 सितंबर को नियत की गई है।
अधिवक्ता क्रिस्टोफर एंथोनी ने याचिका दायर कर बताया कि करीना खान प्रेग्नेंसी बाइबल शीर्षक से एक किताब प्रकाशित हुई थी। चूंकि इस पुस्तक के शीर्षक में ईसाई धर्मावलंबियों के पवित्र ग्रंथ बाइबल को जोड़ा गया है। लिहाजा ईसाई समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में ओमती थाना पुलिस और एसपी को शिकायत कर करीना कपूर और प्रकाशकों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की थी। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हाईकोर्ट की शरण ली गई।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अनुराग साहू ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि करीना कपूर खान, अदिति भिमजियानी, अमेजन ऑनलाइन शॉपिंग बंगलुरू, जगरनाट बुक्स नई दिल्ली के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 ए के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए। इस संबंध में पुलिस को शिकायत सौंपे जाने व कार्रवाई नदारद रही। अब हाईकोर्ट से इंसाफ की उम्मीद है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कार्रवाई न होने के आरोप के चलते राज्य शासन को भी पक्षकार बनाए जाने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि फिल्म लाल सिंह चड्ढा का ट्रेलर रिलीज होने के साथ ही करीना कपूर का वह बयान सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहा है जिसमें उन्होंने दर्शकों का कथित रूप से अपमान किया था। साथ ही उनकी फिल्म लाल सिंह चड्ढा के बायकॉट का भी सोशल मीडिया पर कैंपेन चल रहा है। ऐसे में उनकी गर्भावस्था पर छपी किताब का मामला हाईकोर्ट में आ जाने से भी करीना की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।