SIDHI. जिला पंचायत के वार्ड कुबरी और अमिलिया के चुनाव परिणाम में हाईकोर्ट के रोक के बाद कांग्रेस की सदस्य संख्या घट गयी है, वहीं भाजपा अब बढ़त की ओर दिख रही है l कोर्ट के झमेले से पहले दोनों बराबरी पर थे पर अब हिसाब -किताब गड़बड़ा गया है l कोर्ट से चुनाव आयोग को अभी कोई निर्देश भी नहीं मिला की पुर्नमतदान होगा या गणना भर की जाएगी, जब तक यह स्पष्ट नहीं होता तब तक ऊहापोह की स्थिति बनी रहेगी l जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का चुनाव 29 को होना है l
कुबरी में अपने तो अमिलिया में विरोधी दल से मुसीबत
कुबरी वार्ड से चुनाव जीतने के कगार पर पहुंची श्रीमती श्रद्धा देवेंद्र सिंह को उन्ही के दल के लोगों से गणना बाद कोर्ट के झमेले में पड़ना पड़ रहा हैl चुनाव में प्रमुख प्रतिद्वंदी रहीं जीवेन्द्र सिंह लल्लू की बहू पूजा सिंह कांग्रेस से ही संबंधित हैं l श्रद्धा के पति देवेंद्र उर्फ दादू युवक कांग्रेस के अध्यक्ष हैंl दोनों में से कोई भी जीते कांग्रेस के ही कोटे में जायेगा पर आपस की खींचतान ने दोनों को इस कदर असंतुष्ट कर रखा है की कोर्ट तक पहुँच गए हैं l उधर अमिलिया वार्ड की चुनावी चकल्लस भिन्न है,यहां श्रीमती मंजू रामजी सिंह को विरोधी दल के लोगों से असुविधा हो रही है l गणना के दौरान दूसरे वार्ड के मिले मत कोर्ट को मजबूत आधार दे रखें हैं l इसीलिए विरोधी गणना के बजाय वोटिंग की मांग कर रहे हैं l जिन्हे अब तक में सदस्य का प्रमाणपत्र मिल जाना चाहिए था वे असमंजस में पड़े हुए हैं l
झमेले से भाजपा नेता प्रसन्न
कुबरी, अमिलिया वार्ड के परिणाम घोषणा में कोर्ट की रोक से भाजपा चैन की साँस ले रही है l चुनाव परिणाम घोषित हो जाते तो कांग्रेस बराबरी पर रहती, अब कुछ कहा नहीं जा सकता की क्या होगा l मतदान के निर्देश हुए तो बाजी पलट भी सकती है और केवल गणना होने पर कांग्रेस तब भी मुकाबला नहीं दे पायेगी क्योंकि एक सदस्य को भाजपाई अपने में मिलाकर बढ़त पर आ गए हैं l इसीलिए कोर्ट के झमेले से भाजपा प्रसन्न दिख रही है और कांग्रेस जीत के कगार पर पहुँच कर भी मायूस है l
जिनकी प्रबल दावेदारी उनका रुका परिणाम
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की ओर से श्रद्धा सिंह और मंजू सिंह प्रबल दावेदार रही हैं l कांग्रेस से ही नीलम कुलदीप शुक्ला की भी दावेदारी है पर जिनके चुनाव परिणाम कोर्ट ने रोक रखा है वे खुद भी जोड़तोड़ की हैसियत रखते हैं l अगर कोर्ट के झमेले बाद परिणाम उलट आये तो फिर कांग्रेस के लिए अपना अध्यक्ष बनाना ज्यादा कठिन होगा l श्रद्धा और मंजू के रहते पार्टी को उतनी मेहनत न करनी पड़ती l हालाँकि पूजा के जीतने के बाद भी यही स्थिति होगी पर अभी तो उन्हें चुनाव जीतने के लिए कोर्ट का सहारा लेना पड़ रहा है l फिलहाल कांग्रेस के दावेदार जहां कोर्ट के झमेले में पड़ गए हैं वहीं भाजपा के दावेदार खुद की कमजोर हैसियत होने के कारण पार्टी पर उम्मीद लगाए बैठे हैं l सदस्य निर्वाचित हुई सरस्वती और पूजा में पार्टी किसका नाम आगे करती है यह अभी तय होना बाकी है l