SATNA. यहां के रामपुर बघेलान विकासखंड की ग्राम पंचायत बिहरा क्रमांक 1 में एक व्यक्ति को बिना चुनाव लड़े ही पंच बना दिया गया। इस मामले में ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत दर्ज कराई है। ग्रामीणों की मांग है कि प्रकरण की जांच कराकर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बिहरा नंबर 1 ग्राम पंचायत में पंच पद पर निर्वाचित बताए जा रहे एक बुजुर्ग ने अपने निर्वाचन पर खुद हैरानी जताई है। उसका कहना है कि न तो उसने कोई पर्चा भरा और न ही कहीं कोई दस्तखत किया, फिर उसका नाम निर्वाचित पंचों की सूची में कैसे शामिल है, यह उसे खुद समझ में नही आ रहा है। उधर इस मामले में ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत के दो वार्ड 17 और 19 खाली थे, जिनमें चुनाव के बाद नाम दर्ज कर सूची जारी कर दी गई। वार्ड नंबर 17 में बिहारी जायसवाल को और वार्ड नंबर 19 में वीरेंद्र प्रताप सिंह को निर्वाचित पंच बता दिया गया। जबकि इन दो वार्डों के लिए न तो कोई अभ्यर्थी खड़ा हुआ था, न मतदान हुआ था और न ही निर्विरोध निर्वाचन जैसी स्थिति थी। फिर कैसे इन दोनों वार्डों में बिहारी और वीरेंद्र के नाम दर्ज हो गए?
उपसरपंच के लिए खेल
यहां सरपंच पद के अभ्यर्थी रहे गुलाब सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद ग्रामीणों ने कलेक्टर से लिखित शिकायत की थी। जिसके बाद एक वार्ड दोबारा खाली दिखा दिया गया, लेकिन दूसरे वार्ड में अभी भी पंच का निर्वाचित होना दिखाया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सारा खेल पंचायत में पंचों के बीच अपना बहुमत साबित कर अपना उपसरपंच बनाने के लिए किया गया है।
रिटर्निंग अफसर की भूमिका पर सवाल
ग्रामीणों ने कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी से इस पूरे मामले में रिटर्निंग अफसर की भूमिका पर सवाल उठाए हैं और जांच की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि 24 जुलाई रविवार को बिहारी जायसवाल के घर उसका निर्वाचन प्रमाण पत्र भी भेजा गया, लेकिन उसे बिहारी ने वापस कर दिया। बता दें कि रामपुर जनपद की पंचायतों में तीसरे चरण में चुनाव हुए थे। यहां उपसरपंच का निर्वाचन 26 जुलाई को तीसरे चरण में होना है।