शिवराज सिंह, सीहोर. यहां बिजली चोरी (electricity theft) पकड़ने पहुंची टीम पर 15 फरवरी को हमला हुआ। गुस्साए ग्रामीणों ने टीम के साथ न सिर्फ मारपीट की, बल्कि सहायक इंजीनियर (JE) को उठाकर कुएं में फेंक दिया। अन्य कर्मचारियों को पीटने के लिए डंडे लेकर उनके पीछे दौड़े। सहायक इंजीनियर जैसे-तैसे निकलकर वहां से भागा। वहीं ग्रामीणों ने जब्त किए उपकरण और सहायक इंजीनियर के मोबाइल भी ले गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
यह है मामला : ये घटना पुलिस थाना इछावर के गांव ढाबला माता (dhabla mata) की है। जानकारी के अनुसार विद्युत वितरण कंपनी के इछावर वितरण केंद्र का अमला सहायक इंजीनियर चंद्रशेखर सिंह (Chandrashekhar Singh) के नेतृत्व में मंगलवार दोपहर को विद्युत पंप कनेक्शनों की रूटीन चेकिंग के लिए गांव ढाबला माता गया था। इसी दौरान अमले को सज्जन सिंह पिता बट्ट सिंह, भोजराज पिता रमेश परमार और कैलाश पिता देवीसिंह के तीन विद्युत पंप बिना कनेक्शन के चलते हुए मिले। इस पर अमले ने पंप मालिकों के खिलाफ पंचनामा तैयार कर विद्युत उपकरण स्टार्टर, तार आदि जब्त कर लिए।
सहायक इंजीनियर को कुएं में फेंका : कार्रवाई की भनक लगते ही आरोपी अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे और आकर कर्मचारियों के साथ गाली-गलौज करते हुए कुएं के पास खड़े सहायक इंजीनियर को धक्का देकर कुएं में फेंक दिया। इसके बाद दूर खड़े कर्मचारी लाइनमैन और दो हेल्परों को मारने के लिए डंडे लेकर उनके पीछे दौड़े। इस पर कर्मचारी जान बचाकर मौके से फरार हो गए। वहीं कुएं के अंदर गिरे सहायक इंजीनियर पर भी पत्थरबाजी शुरू कर दी। इससे सहायक इंजीनियर को चोट आई हैं। इसके बाद आरोपी बिजली कंपनी के जब्त उपकरण लेकर मौके से भाग गए। वहीं सहायक इंजीनियर ने भी जैसे-तैसे कुएं से निकलकर अपनी जान बचाई।
तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज : पीड़ित सहायक इंजीनियर चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि आरोपियों ने उसे कुएं में फेंक दिया। इसके बाद उस पर ऊपर से पत्थर फेंकने लगे। हालांकि कुएं से जैसे तैसे बाहर निकलकर अपनी जान बताई। उन्होंने कहा कि आरोपियों ने मेरे दोनों मोबाइल फोन और जब्त किए गए स्टार आदि विद्युत उपकरण भी छीन लिए। इस मामले में इछावर थाना प्रभारी उषा मरावी ने बताया चंद्रशेखर सिंह की रिपोर्ट पर 3 आरोपियों के खिलाफ मामला मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों की तलाश जारी है।
बिजली बिल वसूलने का लक्ष्य तय : बकाया बिजली बिल वसूलने के लिए हर विद्युत वितरण केंद्र को राज्य सरकार की तरफ से बिजली बिल वसूलने के लिए लक्ष्य दिया जाता है। इस लक्ष्य की वसूली के लिए प्रदेश स्तर से अधिकारियों व कर्मचारियों पर दबाव बनाया जाता है। इसके चलते विद्युत वितरण केंद्र के अधिकारी, कर्मचारी फील्ड में निकलकर इस समय बकाया बिजली बिलों की वसूली कर रहे हैं। इस दौरान कुकी की कार्रवाई के साथ ही बिजली चोरी के प्रकरण भी लगातार जिले में बनाए जा रहे हैं। बताया जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं के अलावा किसानों के द्वारा समय पर बकाया बिजली बिल जमा नहीं किया जाता है। इसके कारण किसानों पर हर साल लाखों रुपए का बिजली बिल बकाया निकलता है, जिसे उन्होंने कई सालों से जमा नहीं किया होता है।