GWALIOR. ग्वालियर शहर की प्यास बुझाने के लिए चम्बल से पानी लाने की कवायद बीते तीन दशक से चल रही है । अनेक बार इसकी स्वीकृति की घोषणा तक हो चुकी है लेकिन इस पर अमल तिनका भर भी नहीं हुआ । अब एक बार फिर इसकी डीपीआर बनाने की पहल शुरू हुई। अमृत योजना -2 लाने के लिए बुलाई गई अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बैठक में इस पर आम सहमति से मुहर लग गई।
ग्वालियर शहर में अमृत परियोजना-2 के लिए डीपीआर तैयार की जाना है। इस परियोजना के माध्यम से ग्वालियर शहर में चंबल नदी का पानी लाने की योजना भी शामिल है। योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी देने के उद्देश्य से गुरूवार को सांसद विवेक नारायण शेजवलकर की उपस्थिति में कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में चंबल नदी से ग्वालियर में पानी लाने की सैद्धांतिक सहमति भी दी गई।
अमृत परियोजना-2 के लिये आयोजित इस बैठक में महापौर डॉ. शोभा सिकरवार, विधायक डॉ. सतीश सिकरवार, विधायक प्रवीण पाठक, नगर निगम सभापति मनोज तोमर, कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल, अधीक्षण यंत्री पीएचई आरएलएस मौर्य, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन एवं नेशनल हाईवे के अधिकारियों के साथ ही विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
यह हुआ तय
बैठक में यह तय किया गया कि अमृत परियोजना-2 के तहत जो डीपीआर तैयार की जाए उसमें चंबल से ग्वालियर तक पानी लाने की योजना को शामिल किया जाए। वर्ष 2055 को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना तैयार हो। अमृत परियोजना के तहत ग्वालियर शहर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, पानी की टंकियों और पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा चुका है। तिघरा के अतिरिक्त ग्वालियर में चंबल से पानी लाने के लिये योजना तैयार किया जाना अतिमहत्वपूर्ण है।
क्षेत्रीय सांसद शेजवलकर ने कहा कि ग्वालियर में चंबल से पानी लाने के प्रयास से किए जा रहे हैं। अमृत परियोजना के तहत कार्ययोजना तैयार कर इसे अमलीजामा पहनाया जाए। इस बैठक की सहमति के पश्चात नगर निगम की एमआईसी की बैठक में स्वीकृति उपरांत प्रस्ताव शासन स्तर पर भेजा जायेगा।
निगम आयुक्त ने किया प्रजेंटेशन
नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल ने अमृत परियोजना-2 के तहत तैयार किए जाने वाली डीपीआर के संबंध में प्रजेण्टेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शासन स्तर से लगभग 926 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्राप्त हो सकती है। इसके लिये डिटेल रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस योजना के माध्यम से न केवल चंबल नदी से पानी लाने की योजना शामिल है बल्कि पेयजल एवं पार्क निर्माण के भी काम शामिल होंगे। चंबल नदी से ग्वालियर पानी लाने की जो योजना तैयार की जायेगी उसमें 150 एमएलडी पानी चंबल से ग्वालियर लाने की व्यवस्था होगी।
विधायक ने वित्तीय भार का भी हो परीक्षण
बैठक में विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि अमृत परियोजना के तहत जो धनराशि ग्वालियर को मिलने वाली है उससे विकास के कार्य किए जाएँ। चंबल नदी से पानी लाने की योजना के लिये धनराशि केन्द्र सरकार अथवा प्रदेश सरकार से प्राप्त करने के प्रयास भी किए जाना चाहिए। इसके साथ ही योजना को लागू होने के पश्चात जो वित्तीय भार आयेगा उसके संबंध में भी विस्तार से परीक्षण किया जाना चाहिए।