Jabalpur. जबलपुर में परियट नदी मगरमच्छों के प्राकृतिक आवास के रूप में जानी जाती है। लेकिन अक्सर देखा गया है कि बरसात के दिनों में मगरमच्छ इंसानी बस्तियों का रुख कर लेते हैं। ग्राम रिठौरी में भी नदी से तकरीबन 100 मीटर की दूर पर स्थित एक गौशाला में इन दिनों एक मादा मगरमच्छ डेरा जमाए बैठी है। इतना ही नहीं मवेशियों के गोबर के बीच मगरमच्छ ने घोंसला बनाकर अंडे भी दे दिए। गौशाला संचालक को इस बात की जानकारी तब लगी जब अंडे में से बच्चे बाहर निकलने लगे।
बाहर निकालने के प्रयास में हो रही उग्र
स्थानीय लोगों की सूचना पर वन्यप्राणी विशेषज्ञ शंकरेंद्र नाथ मौके पर पहुंचे और मगरमच्छ को पकड़कर नदी में छोड़ने का प्रयास किया गया लेकिन जब रेस्क्यू में लगे लोगों ने जब मगरमच्छ की आक्रामकता देखी तो उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए। इस दौरान लोगों ने मगर के बच्चे भी देख लिए थे।
वन विभाग को दी गई सूचना
वन्य प्राणी विशेषज्ञ नाथ ने बताया कि रिठौरी निवासी मनीष श्रीपाल की गौशाला में मगरमच्छ के धमकने की खबर मिली थी। मौके पर जब मवेशियों को बाहर निकालकर पड़ताल की तो देखा एक मादा मगरमच्छ अंडों की सुरक्षा में काफी आक्रामक नजर आ रही है। आसपास आधा दर्जन से ज्यादा अंडे थे जिनमें से इक्का दुक्का बच्चे भी बाहर आ चुके हैं। इस घटना की सूचना वन विभाग को दे दी गई है। अब देखना यह होगा कि वन विभाग स्थानीय लोगों को इस बिन बुलाए मेहमान से कब तक निजात दिला पाऐंगे।