भोपाल-इंदौर के बीच इसी माह दौड़ेगी पहली इलेक्ट्रिक बस

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Praveen Sharma
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भोपाल-इंदौर के बीच इसी माह दौड़ेगी पहली इलेक्ट्रिक बस

Bhopal. लगातार बिगड़ते क्लाईमैट ( climate) और शहरों में बढ़ते प्रदूषण से चिंतित केंद्र व राज्य सरकार अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कार्बन उत्सर्जन की मात्रा कम करने की दिशा में कारगर कदम उठा रही है। ई-व्हीकल ( Electric vehicle )को बढ़ावा देने के बाद अब शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट ​में भी इलेकिट्रक बसें (Electric Bus)जोड़ी जा रही है। इसकी शुरूआत भोपाल और इंदौर के बीच इसी महीने की जा रही है। जून अंत तक भोपाल (Bhopal)और इंदौर (Indore) के बीच इलेक्ट्रिक बसें दौड़ने लगेंगी। पहले चरण में दोनों शहरों को10 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। 

पर्यावरण को लेकर वैश्विक स्तर पर चिंता जताई जा रही है। खासकर शहरों में निकलने वाले कार्बन की लगातार बढ़ रही मात्रा को कम करने की  कोशिश की जा रही हैं। इसी दिशा में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार उठाए जा रहे कदमों के तहत अब प्रदेश के दोनों बड़े शहरों के बीच दौड़ रहीं डीजल बसों की बजाए इलेक्ट्रिक बसों की शुरूआत की जा रही है। इलेक्ट्रिक बसों की पहली खेप मध्यप्रदेश को इसी माह मिल जाएगी। सबसे पहले ये इलेक्ट्रिक बसें भोपाल और इंदौर चलाने की तैयारी है। ये बसें जून के अंत तक सड़क पर उतर सकती है। प्रदेश में शहरों के बीच यात्री बसों के रूप में 10 इलेक्ट्रिक बसें शुरू की जाएंगी। इसके बाद अगले छह महीने में प्रदेश भर में 100 इलेक्ट्रिक बसें फर्राटा भरने लगेंगी। 

यात्रियों में रुझान बढ़ाने कम रहेगा किराया

इलेक्ट्रिक बसों के प्रति यात्रियों का रुझान (Intrest) बढ़ाने के लिए कई सुविधाएं दी जाएंगी। अव्वल तो बस स्टैंड्स का स्वरूप बदला जाएगा। यात्रियों के बैठने के लिए बस स्टैण्ड में एयरपोर्ट की तरह लाउंज बनाए जाएंगे। इसमें फूड एंड बेवरेज की सुविधा भी होगी। साथ ही भोपाल-इंदौर के बीच दौड़ रहीं अन्य बसों की तुलना में इलेक्ट्रिक बसों का किराया (Fare)कम रखा जाएगा। इसके साथ ही य़ात्रियों को ई-बसों की ओर आकर्षित करने अन्य सुविधाएं भी जोड़ी जाएंगी। 

खपत में कम और कीमत में हैं ज्यादा 

इलेक्ट्रिक बसों पर प्रति किमी पर सवा यूनिट बिजली की खपत होती है। प्रति किमी खपत होने वाली सवा यूनिट बिजली पर खर्च करीब 12 रुपए होता है, यानी प्रति किमी ई-बस पर 12 रुपए खर्च आएगा। जबकि डीजल बस का खर्च 40 रुपए प्रति किमी का आता है। दूसरी ओर इलेक्ट्रिक बस कीमत के तौर पर अन्य बसों की तुलना में लगभग डेढ़ गुना महंगी होती है। ऐसे में अभी यह तय नहीं हो पा रहा है कि यात्रियों से भोपाल—इंदौर के बीच कितना किराया वसूला जाए। बताया जाता है कि जून के अंत तक बसों की पहली खेप मिलने के पहले ही भोपाल—इंदौर के बीच किराया तय कर लिया जाएगा। 

एक बार की चार्जिंग में भोपाल-दौर तक का सफर

इलेक्ट्रिक बस एक बार चार्ज (Charge) करने पर भोपाल से इंदौर तक सफर कर सकती है। ये दूरी 3 घंटे में पूरा करेगी। इन बसों के लिए भोपाल-इंदौर बस स्टैण्ड (Bus stand ) पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे, जहां पर बसों की बैटरी को रिचार्ज किया जाएगा। बता दें दो साइज की ई—बसें प्रदेश का मिल सकती हैं। 12 मीटर की इलेक्ट्रिक बस 45 सीटर होती है और साढ़े 13 मीटर की बस 54 सीटर होती हैं।

क्यों जरूरी हैं इलेक्ट्रिक बसें 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक भोपाल और इंदौर में प्रदूषण (Pollution) का स्तर जानलेवा होता जा रहा है। इन दोनों शहरों में एयर क्वालिटी (Air quality) तय मानकों से काफी अधिक होता जा रहा है। एक्यूआई जो अधिकतम 0 से 100 के बीच स्वस्थ् माना जाता है। इसके विपरीत भोपाल का एक्यूआई लगातार 300 तो इंदौर में 271 के करीब बना हुआ है। यह सांस लेने में खतरनाक मानी जाती है। भोपाल व इंदौर के अलावा ग्वालियर व जबलपुर का स्वच्छ वायु का स्तर लगातार गिरते जा रहा है। इसकी एक वजह कारखानों से निकलने वाला धुंआ है तो शहरों में एसी के बढ़ते प्रचलन की वजह से भी कार्बन उत्सर्जन बढ़ता जा रहा है। वहीं इन शहरों के बीच लगातार बढ़ते वाहनों के कारण पर्यावरण प्रभावित हुआ है। वाहनों के पेट्रोल—डीजल से निकलने वाला धुंआ दोनों शहरों की हवा की क्वालिटी  बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। 


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