JABALPUR. संभाग के सबसे बड़े अस्पताल नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में इन दिनों महकमे की राजनीति का खेल जोरों पर है। पत्नी पर लगाए गए आरोपों के बाद दो दिन पहले अस्पताल अधीक्षक डॉ अरविंद शर्मा ने प्रभारी डीन को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। प्रभारी डीन ने इसे कमिश्नर को भेजा। कमिश्नर बी चंद्रशेखर ने उनके इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है दूसरी तरफ नर्सिंग स्टाफ द्वारा उनकी पत्नी पर लगाए गए आरोपों के बाद नर्सिंग स्टाफ से जुड़ी जिम्मेदारी जरूर डॉ ऋचा शर्मा से ले ली गई है।
उप अधीक्षक से जमकर नाराज था नर्सिंग स्टाफ
बता दें कि करीब 10 दिन पहले अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने काम बंद करके अपना विरोध जताया था। एसोसिएशन का आरोप था कि उप अधीक्षक डॉ ऋचा शर्मा पति के अस्पताल अधीक्षक होने का गलत फायदा उठा रही हैं और उन्होंने हेड नर्स से बहुत अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। जिसके बाद अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ हड़ताल पर चला गया था। डॉ ऋचा शर्मा को हटाने की मांग पर नर्सिंग स्टाफ अड़ गया था जिसके चलते प्रबंधन ने समझौते के तौर पर सहायक अधीक्षक डॉ राजेश गढ़वाल को नर्सिंग स्टाफ का इंचार्ज बना दिया है। हालांकि डॉ ऋचा शर्मा अपने पद पर बनी रहेंगी।
छुट्टी पर चले गए डॉ. अरविंद शर्मा
बता दें कि अस्पताल अधीक्षक ने अपना इस्तीफा सौंप दिया था और छुट्टी पर चले गए थे। जिसके बाद प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद उनका इस्तीफा स्वीकृत न करते हुए नर्सिंग स्टाफ और प्रबंधन के बीच सुलह कराई गई है। कर्मचारी संगठन इस सबके पीछे विभागीय राजनीति को दोष दे रहे हैं।
कांटों भरा ताज है मेडिकल के अधीक्षक का पद
बता दें कि संभाग के सबसे बड़े इस अस्पताल में सारे बड़े पद कांटो भरे ताज के जैसे हैं। इन पदों पर बैठने वाले अच्छे-अच्छे डॉक्टर और सुलझे व्यक्तित्व वाले लोग भी विचलित हो जाते हैं। कर्मचारी संगठनों की मानें तो नेता जी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल का प्रबंधन संभालने वाले अधीक्षकों का हाल इसलिए बेहाल हो जाता है।