गोपाल देवकर, बुरहानपुर. ‘हर घर में नल से पानी’ केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना का ये मोटो है। मध्यप्रदेश में बुरहानपुर ऐसा जिला है, जहां सबसे पहले इस योजना की शुरुआत की गई थी। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस जिले को चुना गया था लेकिन हकीकत ये है कि इस जिले में ही ये योजना जमीन पर नहीं उतर पाई और आधी अधूरी योजना का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 30 मार्च को लोकार्पण यानी जनता के हवाले कर दिया।
योजना का क्रियान्वयन नहीं हुआ: बुरहानपुर में जल जीवन मिशन योजना का लोकार्पण किया गया। भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। मंच से सभी लोगों ने योजना पूरी होने पर बुरहानपुर के लोगों को बधाई दी। बुरहानपुर में योजना को पूरा करने के लिए पीएचई विभाग को 129 करोड़ रुपए दिए गए। द सूत्र ने जब योजना की जमीनी पड़ताल की तो आधे-अधूरे और घटिया निर्माण की तस्वीर नजर आई। गांव में गड्ढे खोदकर छोड़ दिए गए है। नल लगा दिए गए है लेकिन उनमें पानी नहीं आता। अभी भी ग्रामीणों को पानी लाने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रही है। वहीं जिला पंचायत के प्रतिनिधि श्रवण कुमार की माने तो योजना का क्रियान्वयन जमीन पर हुआ ही नहीं है। कुछ पंचायतें तो ऐसी है जहां जमीन में ही पानी नहीं है तो फिर नलों तक पानी कैसे आएगा।
पानी नलों तक नहीं पहुंच रहा: अब इस पूरे मामले में पीएचई के ईई पीएस बुंदेला का तर्क है कि योजना पूरी हो चुकी है वो भी 85 करोड़ रुपए में। वहीं कलेक्टर प्रवीण सिंह ने ये माना कि 10 पंचायत ऐसी है जहां जल स्तर नीचे चला गया है, जिसकी वजह से पानी नलों तक नहीं पहुंच रहा। एक पेंच ये भी है कि 129 करोड़ की योजना में अधिकारी 85 करोड़ रुपए खर्च होना बता रहे हैं तो 44 करोड़ रुपए का क्या हुआ और केवल क्या घर के बाहर नल को लगा देना ही योजना पूरी होने की गारंटी है। नलों में पानी तो है ही नहीं। यानी जल जीवन मिशन योजना कागजों में तो पूरी होगी हकीकत में नहीं।