Jabalpur. हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से की जा रही सिविल जजों और एडीजे की नियुक्तियों को याचिका की सुनवाई करते हुए अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया है। प्रशासनिक न्यायाधीश शील लागू और जस्टिस वीरेंद्र सिंह की युगलपीठ ने सिविल जज की परीक्षा के इंटरव्यू में न्यूनतम 20 अंक हासिल करने की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है।
याचिकाकर्ता समिधा परसाई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत श्रीवास्तव ने पक्ष रखते हुए दलील दी कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सिविल जज वर्ग दो की नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित की थी। सिविल जज की मुख्य परीक्षा में याचिकाकर्ता का चयन हो गया था इसके बाद इंटरव्यू आयोजित किया गया। जिसमें 50 में से 20 अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। इंटरव्यू में निर्धारित अंक नहीं होने के कारण वह चयनित नहीं हो सकी। बल्कि मुख्य परीक्षा में उससे कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों का चयन हो गया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार जिन संस्थानों में नियुक्ति के लिए इंटरव्यू की शर्त अनिवार्य है, सिर्फ उन्हीं संस्थानों में इंटरव्यू लिया जाएगा। मध्यप्रदेश ने यह नियम खुद बनाया है। भर्ती नियम में यह अनिवार्य नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को नियत की गई है।