जबलपुर। हाल के दिनों में पुलिस भर्ती के लिए हुए फिजिकल टेस्ट में प्रतिभागियों की मौत का मामला ठण्डा भी नहीं पड़ा था कि हाईकोर्ट ने प्रतियोगी परीक्षा के लिए किए गए फिजिकल टेस्ट में मनमाने रवैए पर उच्च न्यायालय ने प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को फटकार लगाई है। कोर्ट ने चेतावनी देते हुए भविष्य में ऐसी गलती दोहराने पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही। अदालत ने बोर्ड और डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। वहीं रीवा के रहने वाले याचिकाकर्ता शैलेष तिवारी को अगले फिजिकल टेस्ट के दौरान एक और मौका दिए जाने के निर्देश दिए हैं। यह मामला हाईकोर्ट की अवकाशकालीन बेंच में जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी ने सुनाया है। मामले की अगली सुनवाई 13 जून को होगी।
800 मी. की दौड़ में 6 सेकेण्ड से चूक गया था याचिकाकर्ता
अदालत में मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता नरिंदर पाल सिंह रूपराह ने बताया कि याचिकाकर्ता 9 मई को सागर में फिजिकल टेस्ट देने पहुंचा था। जहां कड़ी धूप में बिना किसी शेड की छाया में 5 घण्टे इंतजार के बाद उसका नंबर आया था। इसके बावजूद उसने 800 मीटर की दौड़ 2.51 मिनट में पूरी कर दी थी जबकि दौड़ का निर्धारित समय 2.45 मिनट था। याचिकाकर्ता की ओर से यह दलील दी गई कि अनुकूल मौसम में उसका टेस्ट लिया जाता तो वह अपनी दौड़ काफी कम समय में पूरी कर सकता था। लेकिन तेज धूप में लंबे इंतजार के कारण उसकी परफाॅर्मेंस गड़बड़ा गई।