खरगोन हिंसा में पत्थरबाज बताकर जिसकी गुमटी तोड़ी, उसके दोनों हाथ ही नहीं

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Rahul Garhwal
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खरगोन हिंसा में पत्थरबाज बताकर जिसकी गुमटी तोड़ी, उसके दोनों हाथ ही नहीं

Khargone. रामनवमीं के जुलूस पर पत्थरबाजी करने के आरोप में जिस वसीम शेख (Waseem Sheikh) की गुमटी तोड़ दी गई उसके तो दोनों हाथ ही नहीं हैं। वसीम शेख की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। जिस इंसान के दोनों हाथ ही नहीं हैं वो भला पत्थर कैसे फेंकेगा। 2005 में हुए हादसे में शेख वसीम के दोनों हाथ कट गए थे, उन्हें करंट लगा था। वसीम शेख की तस्वीर वायरल होने के बाद शिवराज सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।





क्या वाकई अवैध थी वसीम शेख की गुमटी ?





वसीम शेख की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि प्रशासन ने वसीम शेख के मामले में सफाई भी दी है। प्रशासन का कहना है कि वसीम शेख ने पत्थर नहीं फेंके थे, लेकिन उनकी गुमटी अवैध थी। वसीम शेख ने उस जगह अतिक्रमण किया था, इसलिए गुमटी को तोड़ दिया गया।





सरकारी जमीन पर गुमटी खाली पड़ी थी





तहसीलदार योगेंद्र सिंह का कहना है कि कार्रवाई के दौरान जो गुमटी टूटी है, वो सरकारी जमीन पर खाली पड़ी थी। गुमटी रिकार्ड में भी दर्ज नहीं थी। गुमटी को लेकर किसी व्यक्ति ने संपर्क भी नहीं किया था। कार्रवाई के बाद गुमटी को लेकर व्यक्ति ने दावा किया।



 



'सूचना देते तो गुमटी हटा लेता'





वसीम शेख कहना है कि वो रामनवमी के दिन हुए उपद्रव में शामिल नहीं था। उसने कभी किसी पर पत्थर नहीं फेंके। इसके बाद भी प्रशासन ने उसकी गुमटी तोड़ दी। दुकान पर बुलडोजर चलाकर प्रशासन ने रोजी-रोटी छीन ली। अगर कार्रवाई की सूचना मिलती तो वो गुमटी हटा लेता। वसीम शेख के परिवार में पत्नी और तीन बच्चों के साथ उनकी मां भी रहती हैं।





पत्थरबाजों के घरों पर चले थे बुलडोजर





रामनवमीं के जुलूस पर पत्थरबाजी होने के दूसरे दिन ही प्रशासन ने आरोपियों के घरों और दुकानों को ध्वस्त कर दिया था। आरोपियों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाए गए थे। वसीम शेख की गुमटी भी तोड़ी गई थी।



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