Jabalpur. जेल मैन्यूअल के अनुसार जेल में अच्छा व्यवहार रखने वाले कैदियों को स्थानीय प्रशासन की सिफारिश और अनापत्ति के बाद पैरोल पर छोड़े जाने का प्रावधान है। लेकिन जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय कारागार के लिए यह प्रावधान ही गले की हड्डी बना हुआ है। दरअसल बीते कुछ सालों में पैरोल पर छूटने वाले एक दर्जन से ज्यादा कैदी पैरोल की मियाद खत्म होने के बाद जेल वापस ही नहीं लौटे, इनमें से कई को फरार हुए तो 20 साल से ज्यादा का समय हो चुका है और अब एक और कैदी पैरोल की मियाद खत्म होने के बाद जेल वापस ही नहीं लौटा है।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय जेल जबलपुर से पैरोल पर गया एक और बंदी फरार हो चुका है। जिसके बाद पुलिस और जेल महकमे में हड़कंप की स्थिति है। सिविल लाइन पुलिस ने बंदी और उसके जमानतदार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और फरार कैदी की तलाश जारी है।
थाना प्रभारी रमेश कौरव के मुताबिक राजकुमार दास जबलपुर जेल लाइन में भृत्य के पद पर पदस्थ है जिसने शिकायत दी है कि बंदी रामकुमार ओयाम कुंडम का निवासी है जिसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जेल मुख्यालय भोपाल के आदेश के पालन में दंडित बंदी को 14 दिन की पैरोल पर 28 जुलाई को रिहा किया गया था। जिसे 12 अगस्त को जेल पहुंचकर कर आमद दर्ज करानी थी। लेकिन उक्त बंदी मियाद खत्म होने के बाद भी जेल नहीं पहुंचा और फरार हो गया। उक्त बंदी की पैरोल के लिए जमानतदार जारू सिंह,कुंडम और बसंती बाई, कुंडम ने 50-50 हजार की जमानत निष्पादित की थी। जिसके चलते फरार बंदी रामकुमार ओयाम, जमानतदार जारू सिंह और बसंती बाई के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में लिया गया है।