Jabalpur. जबलपुर में नवनिर्वाचित महापौर के शपथ ग्रहण में अभी समय है। लेकिन इस बीच कांग्रेसी खेमे में मेयर इन काउंसिल में जगह पाने के लिए जहां सीनियर पार्षद जुगत लगा रहे हैं तो वहीं कुछ युवा भी आला नेताओं के सहारे एमआईसी मेंबर बनने की तैयारी में लग गए हैं। वैसे तो अधिनियम के मुताबिक मेयर इन काउंसिल में पार्षदों को स्थान देने का विशेषाधिकार केवल महापौर को होता है लेकिन बीते कुछ दशकों का हाल देखा जाए तो एमआईसी के गठन में कभी किसी महापौर की मनमर्जी नहीं चल पाई है। हां इक्का-दुक्का मनपसंद पार्षद को ही मेयर अपनी काउंसिल में रख पाए हैं।
अब तक सबको करना पड़ा एडजस्टमेंट
एडजस्टमेंट की मजबूरी सिर्फ नवनिर्वाचित महापौर के साथ नहीं है। हर महापौर के कार्यकाल में यही स्थितियां बनी थीं। जिनमें हर विधानसभा के विधायक या पार्टी के विधायक प्रत्याशी, सांसद के साथ-साथ संगठन की पसंद के एमआईसी सदस्य बनाए गए। यही रवायत इस बार भी एमआईसी के गठन के दौरान देखी जा सकती है।
हर विधानसभा क्षेत्र से दो-दो एमआईसी का गणित
वर्तमान में जो चर्चा चल रही है उसके मुताबिक हर विधानसभा क्षेत्र से दो-दो एमआईसी लिए जा सकते हैं। हालांकि इसमें सामान्य, महिला, एससी-एसटी और ओबीसी जैसे फैक्टर भी देखे जाऐंगे। इस पर अमल किया गया तो 11 में से 8 सदस्यों की सीटें तो ऐसे ही फुल हो जाएंगी । बाकी बची 3 पर प्रदेश स्तरीय नेताओं का भी दबाव रह सकता है।