10 माह में जबलपुर शहर स्मार्ट हो जाएगा, अधूरे काम, फिर भी विश्वास, उधड़ी सड़कों से जनता परेशान, काम ठप

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Vivek Sharma
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10 माह में जबलपुर शहर स्मार्ट हो जाएगा, अधूरे काम, फिर भी विश्वास, उधड़ी सड़कों से जनता परेशान, काम ठप

Jabalpur. शहर स्मार्ट बन जायेगा, इसकी तारीख भी तय हो गई है,वह डेट है जून 2023, लेकिन जिस गति से काम चल रहा है उससे ऐसा लग नहीं रहा कि तय समय अवधि में काम पूरा हो जाएगा। वहीं स्मार्ट सिटी बनाने जिस तरीके से काम हो रहा है उससे जनता बहुत परेशान है। 



ये है प्रोजेक्ट




  •  जबलपुर को स्मार्ट सिटी में शामिल करने का प्रस्ताव साल 2014-15 में आया था।


  •  स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जबलपुर के राइट टाउन, नेपियर टाउन, सिविक सेंटर, कलेक्ट्रेट, गोलबाजार, रानीताल को चिन्हित किया गया था। इसके लिए 743 एकड़ भूमि निर्धारित की गई। प्लान में खाली एरिया नहीं, बल्कि एग्जिस्टिंग एरिया है। उसमें ही स्मार्ट सिटी बनाना तय किया गया था।

  •  प्रोजेक्ट के लिए पहले करीब 3900 करोड़ की राशि निर्धारित की गई। लेकिन दो वर्ष बाद बजट घटाकर 940 करोड़ कर दिया गया।इसके पीछे कारण बताया गया कि इसमें नगर निगम और जेएनयूआरएम के लिए भी राशि थी जिसे अलग करके केवल स्मार्ट सिटी के लिए राशि दी गई।

  • अब कुल बजट 940 करोड़ का रह गया। इसमें 500 करोड़ की राशि अभी तक मिली है। इसमें 50 प्रतिशत केंद्र, 30 प्रतिशत स्टेट और 20 प्रतिशत नगर निगम का अंशदान है।

  • अब तक 350 करोड़ की राशि खर्च हो चुकी है।

  • जबलपुर स्मार्ट सिटी में 115 प्रोजेक्ट हैं, जिनमें 66 पूरे हो चुके हैं और 49 पर काम चल रहा है।

  • बजट की राशि 440 करोड़ आना बाकी है।

  • जून 2023 तक स्मार्ट सिटी के काम पूरे होने हैं।



  • अभी ये काम बकाया हैं




    •  अंडर ग्राउंड बिजली फिटिंग


  •  24 घंटे पानी की व्यवस्था

  •  स्टेडियम के ट्रैक का निर्माण

  • सड़कों का निर्माण

  •  सीवेज व्यवस्था



  • आम जनता परेशान



    गोलबाजार निवासी डॉ अरविन्द जैन का कहना है कि स्मार्ट सिटी के काम से बहुत परेशानी हो रही है। गोलबाजार में पिछले करीब 10 माह से काम चल रहा है। लोगों की लाइफ अस्त व्यस्त हो गई है। मेरा घर और डायग्नोस्टिक सेंटर यहीं है। यहां की रोड का काम 3 माह से चल रहा है। सड़क अभी तक खुदी हुई है। मेरे सेंटर में ढाई माह से मरीज नहीं आए। कहीं जाना है तो पैदल जाना पड़ता है, कार कहीं और पार्क करनी होती है। ड्रेनेज सिस्टम किस तरह बना रहे हैं,कुछ समझ नहीं आ रहा है क्योंकि यहां मकान अब नीचे हो गए हैं। यहां एक परिचित का शो रूम था उन्हें बंद करना पड़ा।



    बुजुर्गों को तकलीफ



    गोलबाजार निवासी रीतेश जैन का कहना है कि उनके माता पिता बुजुर्ग हैं,वे मंदिर नहीं जा पा रहे हैं। यहां काम अव्यवस्थित तरीके से चल रहा है। पाइप लाइन एक बार जोड़ते हैं फिर तोड़ते हैं।



    एक्सपर्ट व्यू



    नगर निगम से रिटायर्ड हुए डिप्टी कमिश्नर सच्चिदानंद शेकटकर का  कहना है कि कागज पर समय सीमा बताना और धरातल पर काम करने में उस वक्त फर्क आ जाता है जब कई विभागों का इन्वॉल्वमेंट हो। अभी बारिश हुई थी तो स्मार्ट सिटी जहां बन रही है वहां लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी, फिर भी धैर्य रखना होगा।शहर को स्मार्ट बनाने के लिए यातायात व्यवस्था, संचार व्यवस्था को भी स्मार्ट बनाना होगा।



    जून 2023 तक प्रोजेक्ट पूरे



    स्मार्ट सिटी की सीईओ निधि सिंह राजपूत का कहना है कि जून 2023 तक प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे। स्मार्ट सिटी फेस वन और फेस थ्री दिसंबर 2022 तक और फेस टू मार्च 2023 तक पूरे हो जाएंगे। फेस टू में गोलबाजार है जहां सड़क बन रही है वहां शहर का ट्रैफिक अधिक है इसलिए हम  पूरा बंद करके काम नहीं कर सकते। वहां दो ,,दो रोड को लेकर काम करते हैं। लोगों को 24 घंटे पानी की सुविधा मिलेगी। गोलबाजार का काम पूरा होने के बाद भंवरताल की टंकी से कनेक्शन किया जाएगा।अभी राइट टाउन, नेपियर टाउन में 1300 कनेक्शन हो गए हैं। अंडर ग्राउंड बिजली के तारों की फिटिंग में वक्त लग रहा है क्योंकि इसकी चेकिंग भी की जाती है। आईटी पार्क की सड़क का काम समय से चल रहा है। अमखेरा रोड रिकार्ड समय में बन चुकी है।


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