Damoh. दमोह के मुश्की बाबा इलाके में ड्रम में लाश जलाए जाने के मामले में पुलिस ने कातिल को पकड़ने में कामयाबी हासिल कर ली है। सचिन जैन नामक युवक की हत्या कर लाश को जलाने वाला कोई और नहीं बल्कि सूदखोरी के काम में उसका ही फायनेंसर निकला। दरअसल पुलिस ने जब लाश जलाने में प्रयुक्त ड्रम के बारे में पतासाजी शुरू की तो इलाके के ड्रम विक्रेता से यह पता चला कि पूरे हफ्ते में केवल दो ही ड्रम बेचे गए जिसमें से एक की पेमेंट ऑनलाइन की गई थी। पुलिस की टीम जब ऑनलाइन पेमेंट करने वाले साईं पाराशर के घर तक पहुंची तो उसे यही लगा कि पुलिस को सब पता चल चुका है और उसने कत्ल और लाश जलाए जाने की सारी कहानीं पुलिस के सामने खोल दी।
आरोपी से पैसा लेकर ब्याज पर चलाता था मृतक
पुलिस के अनुसार मृतक सचिन आरोपी साईं पाराशर का दोस्त था। सचिन साईं से पैसा लेकर काफी ज्यादा ब्याज पर पैसे को चलाता था। इस बीच ब्याज की रकम के बंटवारे को लेकर सचिन और साईं के बीच विवाद हो गया था। जिसका बदला लेने के लिए साईं पाराशर ने योजनाबद्ध तरीके से सचिन की हत्या कर दी।
मुंहबोली बहन के घर पर किया कत्ल
आरोपी ने अपनी एक मुंहबोली बहन के घर पहुंचकर सचिन को शराब पिलाई थी और फिर उनींदे सचिन को चाकू के वार से मौत के घाट उतार दिया था। लाश को ठिकाने लगाने आरोपी ने पहले से ही ड्रम खरीद रखा था जिसमें उसने लाश, कुछ कपड़े और अनाज रखकर छिपा दी थी। इसके बाद अपने दोस्त को अंधेरे में रखते हुए ड्रम को ऑटो में रखवाकर मुश्की बाबा इलाके में पहुंचा जहां उसका घर था। रात में उसने ड्रम में आग लगा दी। सुबह उठकर देखा तो आग बुझ चुकी थी तो दोबारा कैरोसीन डालकर उसमें आग लगा दी। इसी दौरान इलाके में बदबू फैलने पर लोगों ने पुलिस को शिकायत की थी।
पुलिस ने सिर्फ साईं को बनाया आरोपी
पुलिस का कहना है कि पूरे हत्याकांड में साईं पाराशर की मुंहबोली बहन, उसके दोस्त और ऑटो चालक को साईं के इरादों की कोई भनक नहीं थी। उसने सभी को अंधेरे में रखकर पूरी घटना को अंजाम दिया था इसलिए केवल उसे ही आरोपी बनाया गया है।