Chhindwara, ashish singh thakur. केंद्र सरकार भले ही नीम कोटेड यूरिया के जरिए यूरिया की होने वाली कमी खत्म होने का दावा करती हो लेकिन हकीकत इससे जुदा है। छिंदवाड़ा में मक्का उत्पादक किसानों को एक-एक बोरी यूरिया के लिए कई दिन तक लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ रहा है। जिससे वे बेहद परेशान हैं। वहीं यूरिया की इस कमी का फायदा जमाखोर मनमाने दाम पर यूरिया बेचकर उठा रहे हैं। छिंदवाड़ा में यूरिया खाद के लिए किसानों में मारामारी हो रही है । किसानों को खाद के लिए 3 से 5 दिनों तक लाइन लगाना पड़ रहा है, इसके बाद भी उन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रही है । जिसकी वजह से उनकी फसल खराब हो रही है।
छिंदवाड़ा जिले के किसान इन दिनों खाद की किल्लत से जूझ रहे है । मक्के की फसल में यूरिया की जरूरत होती है । बारिश थमने के बाद किसानों को अब यूरिया की जरूरत है जिसके लिए किसान सरकारी खरीदी केंद्रों में 3 से 5 दिनों तक लाइन में लग रहा है लेकिन इसके बाद भी उसे पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रही है ।
किसानों का कहना है कि उन्हें 1 एकड़ में मात्र एक बोरी ही खाद दी जा रही है जो पर्याप्त नहीं है । वहीं अधिकारियों का कहना है कि जिले में पर्याप्त खाद का भंडारण है किसानों को खाद नियम के मुताबिक दी जा रही है । किसानों ने आरोप लगाया है कि कम खाद देकर उनके डाटा में ज्यादा खाद फीड की जा रही है । मैसेज उन्हें ज्यादा खाद वितरण का मिल रहा है । अगर कोई किसान 5 बोरी खाद ले रहा है तो उसे 20 बोरी तक के मैसेज मिल रहे हैं ।मगर अधिकारियों का कहना है कि ये नेटवर्क की प्रॉब्लम से हो सकता है इसे सुधार लिया जाएगा। हालात ऐसे हैं कि स्थिति दिन पर दिन भी विस्फोटक होती जा रही है मगर अधिकारी किसी की बात सुनने के लिए ही तैयार नहीं है ।